लखनऊ

मौलाना राबे हसनी नदवी बेहतरीन मुदब्बिर और मुमताज़ मुफ़क्किर थे: मौलाना कल्बे जवाद नक़वी

लखनऊ:
हिंदुस्तान के विख्यात मुस्लिम विद्वान्, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष, नदवातुल उलमा के संचालक और मुस्लिम दुनिया के प्रमुख विचारक हज़रत मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए मजलिसे उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि मौलाना राबे हसनी नदवी मुस्लिम दुनिया के एक प्रतिभाशाली बुद्धिजीवी और महान आलिम थे। उनके निधन से मुस्लिम दुनिया को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि मौलाना राबे नदवी जैसी शख़्सियत ‘बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा’ की सबसे बड़ी मिसाल हैं। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

मौलाना ने अपने शोक संदेश में कहा कि मौलाना राबे हसनी नदवी एक बेहतरीन मुदब्बिर, मुमताज़ मुफ़क्किर और उम्मते मुस्लिमा के लिए बहुत दर्द मंद थे। उन्होंने हमेशा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए मिल्लत की समस्याओं को हल करने की कोशिश की और मुस्लिम एकता के अलमबरदार रहे। मौलाना ने कहा कि मौलाना राबे हसनी नदवी ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने हमेशा अपने ज्ञान और विचार का लोहा मनवाया। उनकी पुस्तकों को हिंदुस्तान के अलावा अन्य देशों में भी अत्यधिक माना जाता है। ऐसे महान विद्वान की मृत्यु मुस्लिम दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है।

मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने मौलाना राबे हसनी नदवी के परिवार, रिश्तेदारों, नदवातुल उलमा के सभी सदस्यों और उनके चाहने वालों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024