टीम इंस्टेंटखबर
जम्मू-कश्मीर में पिछले एक हफ्ते से टारगेट किलिंग की वारदातों से परेशान होकर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकियों से सहानुभूति के शक में भारी संख्या में गिरफ्तारियां की हैं. ये श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम और दक्षिणी कश्मीर के अन्य क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं.

गौरतलब है कि पिछले छह दिनों में कश्मीरी पंडित, सिख और मुस्लिम समुदायों के कई लोगों को आतंकियों द्वारा निशाना बनाया गया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद कट्टरपंथ में इजाफे की वजह से भी हमले हो सकते हैं. और हत्यारे ‘आसान’ टारगेट्स को निशाने पर ले रहे हैं.

विपक्षी नेताओं और स्थानीय लोगों ने हमलों को रोकने में प्रशासन की नाकामी को लेकर निशाना साधा है. गौरतलब है कि दो दिन पहले दो सरकारी शिक्षकों – सुंदर कौर और दीपक चंद की श्रीनगर में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

इससे पहले मंगलवार को श्रीनगर के इकबाल पार्क में एक बड़े स्थानीय व्यवसायी और एक फार्मेसी के मालिक 70 वर्षीय माखन लाल बिंदू को उनके स्टोर के अंदर गोली मार दी गई थी.

मंगलवार को मारे गए दो अन्य लोगों में बांदीपोरा में एक टैक्सी चालक मोहम्मद शफी और श्रीनगर में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता बिहार के वीरेंद्र पासवान थे.