नई दिल्ली: सीआरपीएफ के बंधक जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने गुरुवार को रिहा कर दिया है। राकेश्वर सिंह को छोड़े जाने की खबर के बाद उनके परिवार ने चैन की सांस ली। तीन अप्रैल को बीजापुर मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने एक जवान को बंधक बना लिया था।नक्सलियों द्वारा जवान को रिहा करने के बाद उन्हें सुरक्षित बीजापुर लाया गया है, जहां उनकी मेडिकल जांच होगी।
22 जवान हुए थे शहीद
बता दें कि शनिवार को राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए थे जबकि 31 अन्य जवान घायल हुए थे। घटना के बाद से सीआरपीएफ 210 कोबरा बटालियन का जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता थे। लापता जवान की तलाश के दौरान मंगलवार को माओवादियों ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर जवान राकेश्वर के अपने कब्जे में होने की जानकारी दी थी और कहा था कि राज्य सरकार जवान को रिहा कराने के लिए मध्यस्थों के नामों की घोषणा करे तब तक जवान को वह अपने कब्जे में रखेंगे।
रिहाई के लिए हो रहा था प्रदर्शन
राकेश्वर सिंह के अगवा होने की जानकारी मिलते जम्मू स्थित उनके परिवार के सदस्य लगातार उनकी रिहाई की गुहार लगा रहे थे। वहीं बुधवार को राकेश्वर सिंह को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए खौड़ के गांव पगांली, भोरपुर, दानपुर, मट्टू, चक मलाल सहित अन्य कई गांवों के लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान गांव मट्टू पुली के पास अखनूर-पलांवाला मुख्य मार्ग को बंद रखा गया था।
परिवार में ख़ुशी का माहौल
राकेश्वर के रिहाई की खबर मिलते ही उनके परिवार में खुशी का माहौल हैं। जवान की पत्नी मीनू मनहास ने कहा, “मैं भगवान का, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार का, मीडिया और सेना का धन्यवाद करती हूं। आज मेरी जिन्दगी में सबसे खुशी का दिन है।”
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