मनोरंजन

टॉप पर पहुँचने के लिए कई हीरोइन्स ने लिया कास्टिंग काउच का सहारा : ईशा कोप्पिकर

फिल्म अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर का मानना है कि भाई-भतीजावाद, पक्षपात जैसी प्रथाएं केवल बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी मौजूद हैं। ईशा कोप्पिकर का कहना है कि अंत में केवल कड़ी मेहनत ही है, जो मायने रखती है। ईशा ने कॉस्टिंग काउच पर भी कई तरह के खुलासे किए हैं।

ईशा का कहना है कि भाई-भतीजावाद कहें या पक्षपात, लेकिन बाहरी लोगों के लिए जगह नहीं है लेकिन कई ऐसे स्टार किड्स आए और बहुत कुछ नहीं कर पाए।

कास्टिंग काउच के बारे में बात करते हुए ईशा कोप्पिकर ने कहा, ‘बेशक यह भी होता है लेकिन फिर यह निर्भर करता है कि आप क्या चाहते हैं। आपको कास्टिंग काउच के सहारे काम करना हैं, तो करो, बहुत सी हीरोइनों ने किया है और टॉप मुकाम पर भी पहुंची हैं लेकिन अगर आप नहीं चाहते हैं, तो ऐसा न करें। आपके पास हमेशा एक विकल्प होता है।

ड्रग्स पर बात करते हुए ईशा ने कहा है कि उनको लगता है कि इस पर टिप्पणी करने के लिए उनके पास कोई ‘अधिकार’ नहीं है। इससे किसी की भावनाओं को चोट लग सकती है। लेकिन एक आदमी अपनी कंपनी के लिए जाना जाता है, जिसे वह रखता है। मैं अपने बारे में बात कर सकती हूं। मैंने ऐसी किसी भी चीज़ का सामना नहीं किया है और न ही मैंने ऐसा कोई काम किया है, जो मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए लेकिन हां, मुझे लगता है कि यह ड्रग माफिया एक ऐसी चीज है जिस पर अंकुश लगाने की जरूरत है, क्योंकि यह युवाओं को तबाह कर रहा है। न्यायपालिका को कार्रवाई करनी चाहिए।’

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024