लखनऊ: यूपी भाजपा में चल रहे तनातनी के माहौल के बीच मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के घर पर लंच करने पहुंचे। बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ करीब पांच बरस बाद केशव प्रसाद मौर्य के घर गए हैं. इस लंच में संघ के कृष्णगोपाल भी शामिल हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि लंच का यह आयोजन क्या कोई समझौता वार्ता है, फिलहाल कोई भी इस बारे में कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है ।

दरअसल यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव में सीएम का चेहरा कौन होगा इसे लेकर पार्टी में कशमकश जारी है। इस मामले पर पार्टी नेताओं के विरोधाभासी बयान सामने आये हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ ही सीएम चेहरा होंगे। लेकिन केशव प्रसाद मौर्या इस सवाल पर गोलमोल जवाब देते हैं । वह कहते हैं कि बीजेपी कोई प्राइवेट कंपनी लिमिटेड नहीं जिसमें कुछ लोग फैसला करते हैं। यूपी सरकार में एक और मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या सीएम के सवाल पर बोलते हैं कि फैसला चुनाव बाद होगा।

वैसे अगर आप 2017 के चुनाव को देखें तो केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। अघोषित तौर पर बीजेपी पिछड़े समाज को संदेश देती रही है कि इस दफा यूपी की कमान आपके समाज से ही होगा। लेकिन जब सीएम चेहरे पर अंतिम फैसला लिया जाना था तो उस रेस में केशव प्रसाद मौर्या पिछड़ गए और उन्हें डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा।लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से सियासी बदलाव हुए उस हालात में केशव प्रसाद मौर्या ने जब कहा कि बीजेपी किसी एक शख्स की जागीर नहीं तो यह संदेश देने की कोशिश की इस बार वो योगी आदित्यनाथ के नाम पर सहमत नहीं होंगे।