लखनऊ: उत्तर प्रदेश में “लव जिहाद” मामले पर योगी सरकार ने अब जबरन धर्म परिवर्तन की जांच करने के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने आज “गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक” को मंजूरी दे दी। सरकार का कहना है कि इस कानून का मक़सद महिलाओं को सुरक्षा देना है।

विधेयक के प्रावधान
इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार लालच ,झूठ बोलकर या ज़ोर ज़बरदस्ती किये गए धर्म परिवर्तन या शादी के लिए किए गए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा। नाबालिग,अनुसूचित जाति जनजाति की महिला के धर्मपरिवर्तन पर कड़ी सजा होगी। सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाले सामाजिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। धर्म परिवर्तन के साथ अंतर धार्मिक शादी करने वाले को साबित करना होगा कि उसने इस कानून को नही तोड़ा। लडक़ी का धर्म बदलकर की गई शादी को शादी नही माना जायेगा। ज़बरदस्ती प्रलोभन से किया गया धर्म परिवर्तन संज्ञेय और गैर जमानती अपराध होगा। इस कानून को तोड़ने पर कम से कम 15 हज़ार रुपये जुर्माना और एक से पांच साल तक की सज़ा होगी। यही काम नाबालिग या अनुसूचित जाति या जनजाति की लड़की के साथ करने में कम से कम 25 हज़ार रुपये जुर्माना और 3 से दस साल तक की सज़ा होगी। गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन में कम से कम पचास हज़ार रुपये जुर्माना और तीन से दस साल तक की सजा होगी। धर्म परिवर्तन के लिए तयशुदा फॉर्म भरकर दो महीने पहले डीएम को देना होगा ,इसे न मानने पर छह महीने से तीन साल की सज़ा और कम से कम दस हज़ार रुपये जुर्माना होगा

सीएम योगी ने एक महीना पहले दी थी चेतावनी
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा लव जिहाद का मामला उठाए जाने और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के सख्त चेतावनी देने के एक महीने से भी कम समय में यूपी सरकार ने इस मामले में अध्यादेश पारित कर दिया। सीएम योगी कहा था कि हमारी बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वाले सावधान हो जाएं वरना उनका राम नाम सत्य हो जाएगा।”

कानून मंत्रालय को भेजा था प्रस्ताव
यूपी के गृह विभाग ने लव जिहाद पर ऐसे कठोर कानून का मसौदा तैयार कर राज्य के कानून मंत्रालय को भेजा था. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कुछ दिन पहले इसकी पुष्टि की थी।