LIC ने लिस्टिंग पर निवेशकों को निराश किया है. कंपनी का शेयर बीएसई पर 867 रुपये पर लिस्ट हुआ, जबकि इश्यू प्राइस 949 रुपये था. इस लिहाज से शेयर अपने इश्यू प्राइस से 82 रुपये बढ़कर घटकर बाजार में लिस्ट हुआ.
लिस्टिंग पर निवेशकों को 9 फीसदी का घाटा हुआ है. हालांकि पॉलिसीहोल्डर्स को यह शेश्यर 60 रुपये और कर्मचारियों को 45 रुपये डिस्काउंट पर मिले थे. यानी उनका लिस्टिंग पर नुकसान कम हुआ है. फिलहाल सवाल उठता है कि बाजार में लिस्ट होने के बाद से LIC के शेयर में क्या स्ट्रैटेजी बनाएं. शेयर बेच दें या इसमें लंबी अवधि तक बने रहें.
सब्सक्रिप्शन की बात करें तो LIC के आईपीओ को निवेशकों का ठीक ठाक रिस्पांस मिला था. यह इश्यू 2.95 गुना यानी करीब 295 फीसदी भरा था. कर्मचारियों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व हिस्से को अच्छा रिस्पांस मिला था. कर्मचारियों के लिए रिजर्व कोटा करीब 4.40 गुना भरा था, जबकि पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व कोटे को 6.11 गुना बोलियां मिली थीं. QIB का हिस्सा 2.83 गुना, NII का हिस्सा 2.91 गुना और रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व कोटा 1.99 गुना भरा था.
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