लखनऊ: रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) ने आवाह्न किया है कि जो नेता बहन मायावती की नीतियों से आहत होकर बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं या विचार कर रहे हैं, उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) में शामिल होना चाहिए। क्योंकि आरपीआई बाबा साहब की पार्टी है। जो नेता बहुजन समाज पार्टी से नाराज हैं, उन्हें आरपीआई के माध्यम से शोषित-वंचित समाज की सेवा एवं बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का इससे अच्छा राजनीतिक दल नहीं मिलेगा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर आरपीआई की एक बैठक दिल्ली में हुई। जिसमें केंद्रीय मंत्री एवं आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामदास आठवले, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता सहित पार्टी के उत्तर प्रदेश से जुड़े तमाम नेता मौजूद रहे।

इस संदर्भ में पवन भाई गुप्ता ने कहा कि जो लोग बहुजन समाज पार्टी को छोड़ रहे हैं,वह रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) की सदस्यता ग्रहण करें। क्योंकि आरपीआई, संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पार्टी है। इसका उद्देश्य बाबा साहब के विचारों को उत्तर प्रदेश के जन-जन तक पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि आरपीआई केंद्र सरकार के साथ सहयोगी दल के रूप में काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव, ग्राम पंचायत चुनावों में आरपीआई ने भाजपा का समर्थन किया है। आगामी 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा-आरपीआई का गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मीटिंगों का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भी इस बारे में चर्चा हुई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से भी आज मुलाकात होनी है। जल्द ही अंतिम मुहर लगने पर एक बड़ी घोषणा की जाएगी।