नई दिल्ली: सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा कराने की अंतिम तारीख 28 फरवरी तक बढ़ा दी है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि यह फैसला पेंशन बांटने वाले बैंको में भीड़ जमा होने और महामारी के खतरे से बचने सहित सभी संवेदनशील पहलुओं पर विचार करने के बाद लिया गया है.

हर साल पेंशनर्स को अपने बैंक में लाइफ सर्टिफिकेट या जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की जरूरत होती है. इससे पेंशन मिलने में किसी तरह की बाधा पैदा नहीं होती है. पहले पेंशनर्स को फिजकली यानी खुद इस सर्टिफिकेट को जमा करना पड़ता था. हालांकि, अब यह काम ऑनलाइन भी किया जा सकता है. लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की प्रक्रिया अनिवार्य है. लाइफ सर्टिफिकेट किसी पेंशनर के जीवि‍त होने का प्रमाण होता है. अगर यह काम न किया जाए तो पेंशन रुक भी सकती है. यह सर्टिफिकेट एक साल के लिए मान्‍य होता है.

पेंशन जारी रखने के लिए हर साल जीवन प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 80 साल से अधिक उम्र के पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए 1 अक्टूबर से स्‍पेशल विंडो की व्यवस्था की गई है ताकि भीड़ से बचा जा सके. सिंह ने बताया कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्‍लू) ने हाल में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए इंडियन पोस्‍ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) को शामिल करने का अनूठा फैसला लिया है.

सिंह ने बताया कि भारतीय डाक भुगतान बैंक अब 1.89 लाख डाककर्मियों और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से पेंशनरों के घरों से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र इकट्ठा करने में मदद कर रहा है. यह पेंशनभोगियों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा के रूप में सामने आया है. पेंशन और पेंशनरों के कल्याण विभाग ने घर से डिजिटल रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में वृद्ध या अशक्त पेंशनरों को समर्थन देने के लिए एक अभियान शुरू किया है.