टीम इंस्टेंटखबर
लखीमपुर नरसंहार मामले में SC ने आज सुनवाई करते हुए योगी सरकार को फटकार लगाई है। अपेक्स कोर्ट ने कहा कि यह आठ लोगों की नृशंस हत्या का मामला है। कानून को सभी आरोपियों के खिलाफ अपना काम करना चाहिए। गौरतलब है कि समन के बाद भी इस कांड का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पुत्र आशीष मिश्रा आज क्राइम ब्रांच में हाज़िर नहीं हुआ.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है। मुख्य न्यायधीश ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने उसे आश्वासन दिया है कि मामले में सबूतों को संरक्षित करने के लिए राज्य के सर्वोच्च पुलिस अधिकारी को सूचित किया जाएगा। साल्वे ने कहा कि हमने उसको फिर से नोटिस जारी कर कल 11 बजे पेश होने को कहा है. अगर वो पेश नहीं होता है तो कानून अपना काम करेगा.

CJI ने कहा, ‘हम जिम्मेदार सरकार और जिम्मेदार पुलिस देखना चाहते हैं.सभी मामलों के आरोपियों के साथ एक तरह का ही व्यवहार होना चाहिए. अभियुक्त जो भी हो, कानून को अपना काम करना चाहिए.मामले की गंभीरता को देखते हुए हम फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.सीबीआई जांच भी कोई सटीक उपाय नहीं है,आप जानते हैं कि क्‍यों? इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक निजी चैनल की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि ये जिम्मेदार मीडिया को नही करना चाहिए. बोलने की आजादी का फायदा नहीं उठाना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि हम मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करते है लेकिन इस तरह की रिपोर्टिंग नही होनी चाहिए.