नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और आईसीसी की क्रिकेट समिति के मौजूदा चेयरमैन अनिल कुंबले ने लार के इस्तेमाल पर बैन का आखिरकार विकल्प ढूंढ ही लिया। वैसे तो कुंबले ने बॉल को चमकाने के लिए किसी आर्टीफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल को नामंजूर कर दिया पर उन्होनें दुनियाभर के गेंदबाजों को भरोसा दिलाया है कि गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बनाने के लिए अब ऐसी पिच तैयार होंगी जो गेंदबाजों को काफी मदद करेंगी। ऐसे में लार पर लगने वाले बैन की भरपाई हो जाएगी और गेंदबाजों को भी यह कहने का मौका नहीं मिलेगा कि क्रिकेट का खेल बिल्कुल एकतरफा हो गया है, जिसमें बल्लेबाज पूरी तरह से उन पर हावी हैं।

कुंबले ने फिक्की के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘क्रिकेट में आपके पास पिच होती है जिसके हिसाब से आप खेल सकते हैं तथा बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बना सकते हैं। आप पिच पर घास छोड़ सकते हो या दो स्पिनरों के साथ खेल सकते हो। टेस्ट मैचों में स्पिनरों को वापस लेकर आओ क्योंकि वनडे मैच या टी-20 में आप गेंद को चमकाने को लेकर चिंतित नहीं होते हो। वह टेस्ट मैच हैं जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं और टेस्ट मैचों में क्यों न हम ऑस्ट्रेलिया में या इंग्लैंड में दो-दो स्पिनरों के साथ खेलें जैसा कि अमूमन नहीं होता है।

कुंबले ने आगे कहा, ‘हम गेंद पर कुछ अन्य पदार्थ का उपयोग कर सकते हैं। गेंद पर क्या उपयोग करना है और क्या नहीं इसको लेकर इतने वर्षों तक हमारा रवैया बेहद कड़ा रहा है। गेंद पर बाहरी पदार्थ के उपयोग को लेकर हमारा रवैया बेहद सख्त रहा है। हमने इस बात को महसूस किया। हमें रचनात्मकता के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।’

कुंबले ने माना कि खिलाड़ियों को नए नियमों के साथ सामंजस्य बिठाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि ऐसा क्रिकेट में पहली बार होगा, जब खिलाड़ी लार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। कुंबले ने कहा, ‘खिलाड़ियों के लिये इससे सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा और इसलिए मेरा मानना है कि यह अभ्यास की बात है जिसे उन्हें धीरे धीरे शुरू करना होगा क्योंकि आपको वापसी करते ही मैच नहीं खेलना है। आप ढाई महीने बाद वापसी कर रहे हो और विशेषकर अगर आप गेंदबाज हो तो मैच में उतरने से पहले आपके लिये पर्याप्त गेंदबाजी अभ्यास जरूरी होता है।’