देहरादून: एक तरफ जहां देश में कोरोना का कहर जारी है तो वहीं, दूसरी तरफ उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे रविवार को शाही स्नान में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ इकठ्ठा देखी गई. दरअसल, श्रद्धालुओं की यह भीड़ विश्व के सबसे विशाल धार्मिक मेले कुंभ में 12 अप्रैल को शाही स्नान के लिए इकट्ठा हुई. इन श्रद्धालुओं की भीड़ में कोरोना का कोई खौफ नहीं दिखा और सुबह से ही गंगा में डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है .

सोमवती अमावस्या के मौके पर दूसरे शाही स्नान में सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा ने हर की पैड़ी पहुंचकर शाही स्नान किया और इसके बाद जूना, अग्नि ,आवाहन और किन्नर अखाड़ा ने स्नान किया.

इसके बाद तीनों बैरागी अखाड़े श्री निर्मोही अणी, दिगंबर अणी, निर्वाणी अणी हर की पैड़ी पहुंचे . उसके बाद श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े ने 12 बजे हर की पौड़ी की ओर रुख किया . श्री पंचायती नया उदासीन लगभग 2:30 बजे अपने अखाड़े की हर की पैड़ी की ओर रवाना हुआ. आखिर में श्री निर्मल अखाड़ा लगभग 3:00 के करीब अपने अखाड़े से हर की पैड़ी की ओर प्रस्थान किया .

बता दें कि शाही स्नान से एक दिन पहले पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए COVID-19 नियमों के बावजूद नदी के तट पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. हालांकि कई श्रद्धालुओं का दावा है कि कोरोना अब बड़ी चिंता का विषय नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने हरिद्वार आने वालों के लिए कोरोना निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है.

प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में कहा था कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हरिद्वार कुंभ में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 की आरटी—पीसीआर की नकारात्मक जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना जरूरी होगा.