लखनऊ:
टॉप्स डेवलपमेंट तीरंदाज आदित्य चौधरी पेरिस ओलंपिक पर नजरे गड़ाए उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 में निशाना साधेंगे। जालंधर के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने जा रहे आदित्य बेंगलुरु में आयोजित केआईयूजी के दूसरे संस्करण में दीक्षा नायक के साथ रिकर्व मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक जीत चुके हैं और अब अपने पदक का रंग बदलने के लिए तैयार हैं।

पंजाब के अबोहर के निवासी आदित्य लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में बीए सेकेंड ईयर के छात्र हैं। वह पुणे और पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी खेल चुके हैं। आदित्य ने कहा,- यह मेरा दूसरा यूनिवर्सिटी गेम्स होगा। इससे पहले बेंगलोर में मैं मिक्स्ड टीम में दीक्षा नायक के साथ कांस्य पदक जीत चुका हूं। इसके अलावा मैं पुणे और पंचकूला में यूथ गेम्स में भी हिस्सा ले चुका हूं लेकिन वहां कोई मेडल नहीं था।-

साल 2022 में टाप्स डेवलपमेंट एथलीट बने आदित्य अबोहर में ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं। उनके पिता एजुकेशन बोर्ड में डिप्टी डायरेक्टर हैं। 20 साल के आदित्य के पास नेशनल और इंटरनेशनल लेवल का अच्छा एक्सपोजर है। आदित्य ने कहा,- 2022 में आयोजित जूनियर नेशनल में मेरा सिल्वर मेडल था। इससे पहले देहरादून में आयोजित जूनियर नेशनल में मेरा एक गोल्ड और एक ब्रांज मेडल था। गोल्ड मेडल टीम था और ब्रांज व्यक्तिगत था।-

अपने खाते में दर्ज इंटरनेशनल इवेंट्स के बारे में आदित्य ने कहा,- वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप, जो कि 2021 में पोलैंड में हुआ था, मुझे टीम गोल्ड मिला था। इसी तरह 2021 में ही यूएसए में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। वहां पदक नहीं मिला था। इसके बाद मैं 2022 में वर्ल्ड कप स्टेज 4 खेला था, कोलंबिया में लेकिन उसमें पदक नहीं आ सका था।-

आदित्य ने बताया कि 9 साल की आयु में वह इस खेल में आए। बकौल आदित्य,- मेरे पापा के दोस्त- भूपेंद्र सिंह, जिन्हें मैं बड़े पापा भी कहता हूं, आर्चरी करते थे। पापा चाहते थे मैं स्पोर्ट्स में इंगेज रहूं और इसीलिए मैंने आर्चरी चुना। उस समय मैं 9 साल का था। डीएवी अबोहर में मैं स्कूल ग्राउंड पर ही प्रैक्टिस किया करता था।-

आदित्य मानते हैं कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स नए खिलाड़ियों को इंटरनेशनल फील देता है। आदित्य ने कहा,- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है। जैसे इंटरनेशनल वैन्यू पर पूरा शेड्यूल डिसाइड होता है, वेन्यू एसआई बनता है, काबिल जज होते हैं- ठीक उसी तरह से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी होता है। हम कह सकते हैं कि हमें इंटरनेशनल लेवल का एक्सपोजर दिया जा रहा है। इससे नए खिलाड़ियों को यह फायदा है कि जब वे इंटरनेशनल स्तर पर जाएंगे तो उन्हें कुछ नया नहीं लगेगा।-

आदित्य 2024 के पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेना चाहते हैं और इसके लिए जोर शोर से तैयारी कर रहे हैं। आदित्य ने कहा, – मेरा लक्ष्य ओलंपिक खेलना है। पेरिस ओलंपिक के लिए ट्रायल्स में हिस्सा लूंगा। इसके लिए मैं मेहनत कर रहा हूं। सोनीपत साई सेंटर में हमारे सीनियर आर्चर अभिषेक वर्मा भी रहते हैं। वह बहुत सहयोग करते हैं और हमें यह बताते हैं कि अलग-अलग हालात में कैसे खेलना है। इसके अलावा मैं 2019 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में मिक्स्ड टीम गोल्ड और 2014 समर यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके दक्षिण कोरियाई तीरंदाज ली वू सेओक के गेम को फॉलो करता हूं।