नई दिल्ली: किसान आंदोलन पर विदेशी सेलिब्रिटीज रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मिया खलीफा सहित कई विदेशी शख्सियतों की ओर से ट्वीट किए जाने के बाद मोदी सरकार ने बुधवार को इसपर एक सख्त बयान जारी किया है. सरकार ने अपने इस बयान में ‘सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग्स और कमेंट्स के लालच’ के खिलाफ चेतावनी दी है और कहा कि यह प्रदर्शन भारत के ‘बहुत छोटे हिस्से से आने वाले किसान’ कर रहे हैं.

#IndiaAgainstPropaganda
इस बयान में सरकार ने #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda जैसे हैशटैग्स के साथ कहा कि ‘हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि यह प्रदर्शन भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और सरकार और इससे जुड़े किसान संगठन की समस्या को सुलझाने की कोशिशों के संदर्भ देखा जाना चाहिए.’

तथ्यों को समझें
इस बयान में कहा गया है कि ‘हम आग्रह करना चाहेंगे कि ऐसे मसलों पर टिप्पणी करने से पहले तथ्य देखे जाएं और मसले को पूरी तरह समझ लिया जाए. सोशल मीडिया हैशटैग्स और कमेंट्स की सनसनी के लालच में पड़ने, खासकर सेलेब्रिटीज़ की ओर से, न तो बस गलत है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना है.’

पूरी डिबेट और चर्चा के बाद पास हुए कानून
बयान में सरकार की ओर से कृषि कानूनों के संदर्भ में कहा गया है कि ‘कृषि क्षेत्र के इन सुधारात्मक कानूनों को’ पूरी डिबेट और चर्चा के बाद पास किया गया है और जो सुधार लाए गए हैं, वो ‘किसानों की बाजार तक पहुंच को और बढ़ाते हैं और किसानी को ज्यादा लचीला बनाते हैं.’ सरकार ने जोर दिया है कि ये कानून आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से से सतत कृषि के लिए रास्ता बनाने वाले हैं.