चंडीगढ़: केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर बैठे पंजाब व हरियाणा के किसानों को आपस में बांटने के इरादे से अब सतलुज यमुना जोड (एसवाईएल) नहर के मुद्दे को तूल देने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. इसी सिलिसले में दक्षिण हरियाणा के नारनौल शहर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक रैली भी आयोजित की.
खट्टर ने आयोजित की रैली
रैली में खट्टर ने आंदोलनकारी हरियाणा के किसानों से कहा कि हमें पंजाब के किसान भाइयों से अपने हक के पानी के बारे में भी बात करनी चाहिए. पंजाब और हरियाणा के बीच एसवाईएल नहर के निर्माण और पानी के बंटवारे को लेकर कई दशकों से विवाद चला आ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नहर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के हक में पहले ही फैसला दे चुका है. पंजाब का कहना है कि किसी दूसरे राज्य को देने के लिए उसके पास फालतू पानी नहीं है. खट्टर सरकार को लगता है कि पानी एक ऐसा मुद्दा है, जो कृषि कानूनों को लेकर एकजुट हुए दोनों राज्यों के किसानों के बीच दूरियां बढा सकता है. यही वजह रही कि भाजपा ने आनन्-फानन में नारनौल में जल अधिकार रैली आयोजित कर इस मामले को एक बार फिर से गर्म करने की कोशिश की है.
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