नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच देश भर में विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिक अपने-अपने राज्य वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों को झटका देते हुए 10 श्रमिक ट्रेनें रद्द कर दी है। ये ट्रेनें अगले पांच दिनों के भीतर श्रमिकों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए चलाई जानी थी।
एक दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बिल्डरों के साथ बैठक की थी जिसके बाद यह फैसला आया है। माना जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने बिल्डरों के दबाव में यह कदम उठाया है। क्योंकि जब भी काम शुरू होगा तब श्रमिकों की कमी का असर निर्माण कार्यों पर पड़ेगा।
कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को 10 ट्रेनों को रद्द किया। इन्हें अगले पांच दिनों में चलनी थी। हालांकि, यह भी कहा गया कि तीन ट्रेनें योजना के अनुसार बेंगलुरु से बिहार के लिए प्रस्थान करेंगी।
अंग्रेजी अखबार डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीआरईडीएआई) के तत्वावधान में कई बिल्डरों और ठेकेदारों ने मंगलवार को येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान इन बिल्डरों और ठेकेदारों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वे मजदूरों की देखभाल करेंगे। येदियुरप्पा की बैठक के बाद कर्नाटक सरकार के राजस्व विभाग ने दक्षिण पश्चिम रेलवे को पत्र लिखकर उन 10 ट्रेनों को रद्द करने की मांग की जो श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए मांगी गई थी।
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