दिल्ली:
कर्नाटक को चावल की आपूर्ति को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मंगलवार को सीएम सिद्धारमैया के अलावा डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि FCI ने राज्य को खाद्यान्न आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी। 13 जून को उपभोक्ता मंत्रालय ने FCI को खाद्यान्न की आपूर्ति रोकने के लिए पत्र लिखा और 14 जून को FCI ने हमें पत्र लिखा कि वे खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं कर सकते, इसका मतलब क्या है? अगर स्टॉक नहीं है तो FCI हमें खाद्यान्न देने के लिए क्यों राजी हुआ, उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा है कि उनके पास 7 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है। यह नफरत की राजनीति है।

वहीँ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हुबली में कहा कि 80 करोड़ देशवासियों को हम 5 किलो मुफ्त चावल दे रहे हैं इसलिए बाकी 60 करोड़ लोगों के लिए संतुलन बनाए रखने के लिए हम व्यवस्था कर रहे हैं। यह सिर्फ कर्नाटक के लिए नहीं है, भाजपा शासित राज्यों में जो 5 किलो चावल दिया जा रहा है उसकी व्यवस्था राज्य सरकार कर रही है। आप (कर्नाटक सरकार) भी व्यवस्था करो और दे दो।

उधर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हमने पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से बात की है। हम उनसे अनाज खरीदने जा रहे हैं। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि गरीबों के पेट पर राजनीति न करें, आप अपना चावल नहीं दे रहे हैं यह किसानों का चावल है। हमें किसी से मुफ्त चावल नहीं चाहिए, कर्नाटक सरकार खरीदने में सक्षम है। आम आदमी पार्टी की कर्नाटक इकाई ने कहा कि पंजाब सरकार कर्नाटक में अन्न भाग्य योजना के लिए चावल की आपूर्ति करने को तैयार है।