स्पोर्ट्स डेस्क
1984 विश्व कप के विजेता कप्तान और टीम इंडिया के महान आलराउंडर कपिल देव न्यूज़ीलैण्ड से हार के बाद कप्तान विराट कोहली के बयान की आलोचना की है. उन्होंने साथ ही कहा कि मुख्य कोच रवि शास्त्री और मेंटर महेंद्र सिंह धोनी को खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना चाहिए।

पूर्व कप्तान कपिल ने कहा कि यूएई में जो हुआ उसके लिए बड़े नामों को जिम्मेदारी लेनी होगी। कपिल ने कहा, ‘‘बेशक, कोहली जैसे बड़े खिलाड़ी का यह बेहद कमजोर बयान है। हम सभी को पता है और हम सभी का मानना है कि उसमें टीम के लिए मैच जीतने की भूख और इच्छा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर टीम की बॉडी लैंग्वेज और कप्तान की सोचने की प्रक्रिया इस तरह होगी तो ड्रेसिंग रूम के भीतर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना काफी मुश्किल होगा।’’ कपिल कोहली के इस बयान के संदर्भ में बोल रहे थे कि बल्ले, गेंद या बॉडी लैंग्वेज से टीम के उनके साथियों ने पर्याप्त साहस नहीं दिखाया।

उन्होंने ने कहा, ‘‘मैं अपने मित्र शास्त्री और धोनी से अपील करता हूं कि इस हालात में टीम का मनोबल बढ़ाएं, खिलाड़ियों से बात करना और उन्हें आत्मविश्वास देना धोनी का काम है।’’ भारत को नॉकआउट में क्वालीफिकेशन की उम्मीद जीवंत रखने के लिए ग्रुप चरण के अपने तीनों मैच जीतने होंगे और उम्मीद करनी होगी कि अफगानिस्तान न्यूजीलैंड को हरा दे।

कपिल ने कहा कि अन्य टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना कभी भी अच्छी स्थिति नहीं होती। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें किसी और के प्रदर्शन पर आगे बढ़ना है तो मुझे इस तरह की स्थिति में होना पसंद नहीं है। अगर आपको सेमीफाइनल में जगह बनानी है तो अपने प्रदर्शन के आधार पर बनाओ। मुझे नहीं लगता कि अपनी उम्मीदों के लिए किसी और पर निर्भर होना अच्छा विचार है।’’

कपिल ने कहा, ‘‘जब आप अच्छा करते हो तो हम सब तारीफ करते हैं। लेकिन कुछ बड़े नामों, चयनकर्ताओं को अब कड़ा रवैया अपनाना होगा, क्या बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों पर विचार किया जाना चाहिए। बड़े खिलाड़ी अगर रन नहीं बनाएंगे तो उन्हें आलोचना का सामना करना होगा।’’