लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक सरकारी आश्रयगृह में 57 नाबालिग लड़कियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने की खबरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली BJP सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। खबरों का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि लड़कियों में कुछ समय से लक्षण दिखाई दे रहे थे लेकिन उन्हें परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाने में ”देरी” की गई।
आयोग ने एक बयान में कहा, ” राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई उन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सरकार द्वारा संचालित एक बाल आश्रयगृह में 57 नाबालिग लड़कियों के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बारे में बताया गया है।”
आयोग ने पाया, ”अगर मीडिया रिपोर्ट में आए तथ्य सत्य हैं तो प्रथम दृष्टया यह विश्वास करने लायक है कि जनसेवक पीड़ित लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहे हैं और साफ तौर पर राज्य के संरक्षण में उनके जीवन, स्वतंत्रता और सम्मान के अधिकार की रक्षा में लापरवाही बरती गई।”
उन्होंने कहा कि इसके मुताबिक, उसने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर लड़कियों की स्वास्थ्य स्थिति, चिकित्सा उपचार और परामर्श को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
बयान के मुताबिक, इस मामले में दर्ज प्राथमिकी और अब तक की गई जांच को लेकर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को रिपोर्ट सौंपने के लिए भी नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि संक्रमित लड़कियों में से पांच गर्भवती हैं और एक को एड्स है। कानुपर जिला प्रशासन ने रविवार को सफाई दी थी कि आश्रयगृह में लाए जाने के समय ही लड़कियां गर्भवती थीं।
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