कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथ अन्य अपराधियों ने हमला किया। जिसमें आज आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी । इस पूरी घटना के बाद हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात अपराधी विकास दुबे चर्चा में आ गया है। विकास दुबे हमेशा से ही राजनीतिक सरपरस्ती में पला बढ़ा है। यही वजह से ये इतने सालों से पुलिस की पकड़ से बच जाता था। यूं तो विकास दुबे के हर राजनीतिक पार्टी में संबंध थे लेकिन बहुजन समाज पार्टी से इसका खास कनेक्शन था। बसपा पार्टी से जुड़ने के बाद विकास दुबे जिला पंचायत सदस्य भी रहा था। विकास दुबे बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय रहा और पूर्व प्रधान के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुका है।

प्रदेश से बीएसपी की सरकार जाने के बाद, वो लापता सा हो गया था। इसके बाद विकास दुबे की पत्नी निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। हनक इतनी कि जब वह जेल में बंद था , तब उसने शिवराजपुर नगर पंचायत चुनाव जीता था। विकास दुबे की दबंगई का कारोबार कानपुर देहात से लेकर इलाहाबाद और गोरखपुर तक फैला है।

2001 में राजनाथ सिंह सरकार में दर्जाप्राप्त श्रममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर विकास दुबे सुर्खियों में आया था। यूपी में बीसपी और बीजेपी की सरकार थी और विकास दुबे ने 2001 में शिवली थाने में घुसकर सरेआम मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद वह फरार हो गया था। इसी घटना के बाद वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर यूपी के अलग-अलग थानों में 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। एसएसपी कानपुर के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने हाल ही में एक मर्डर किया था, इसी केस के सिलसिले में पुलिस टीम उसे पकड़ने के लिए गांव पहुंची थी। कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ हाल ही में एक मामला दर्ज कराया था।