देहरादून:
उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला लगातार जारी है. 600 घरों में दरार आ गई हैं. जमीन फटने लगी है और सड़कें धंस चुकी हैं. इस बीच भूस्खलन की ज़द में आकर भगवती मंदिर धराशायी हो चूका है. जोशी मठ में मंदिर धंसने का यह पहला मामला है. मंदिर गिरने के बाद लोगों में किसी अनहोनी की आशंका होने लगी है.

उत्‍तराखंड के जोशीमठ में जमीन के घंसने और कई घरों-इमारतों में दरारें पड़ने के बीच राज्‍य सरकार स्थिति पर नजर जमाए हुए है. जोशीमठ में भूमि धंसने को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी मौजूद थे. इस बीच, उत्‍तराखंड सरकार ने जोशीमठ के भूमि धसान प्रभावित 600 परिवारों को किराया देने का फैसला लिया है. 4000 रुपए प्रति माह का मानदेय 6 माह तक प्रभावित परिवारों को मिलेगा.

एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की एक टीम को जोशीमठ में तैनात किया गया है. प्रभावित घरों के लिए डोर-टू-डोर सर्वे आयोजित किया गया है. अब तक 44 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है. लोगों में दहशत का माहौल हैं, दरकते घरों में रहने वाले रात भर सो नहीं पा रहे हैं, बताया जा रहा है कि माकन दरकने की सबसे ज़्यादा घटनाये मारवाड़ी इलाके में हो रही हैं. यहाँ पर डरके हुए फर्श से पानी का रिसाव हो रहा है.