नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पहली बार हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के नतीजे मंगलवार को सामने आ गए। यह महत्वपूर्ण नतीजे सूबे की सियासत के लिए आगे का रास्ता प्रसस्त करेंगे। नतीजों में गुपकार गठबंधन सबसे बड़े एलाइंस के तौर पर उभरा है, जबकि बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी का तमगा मिला है। मगर बीजेपी का जादू सिर्फ हिन्दू बाहुल्य जम्मू में ही चल पाया, जबकि घाटी ने गुपकार गठबंधन का साथ दिया, यहां बीजेपी का कोई खास प्रभाव नजर नहीं आया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों की बढ़त भी चौंका रही है। अगर यह बढ़त नतीजों में तब्दील होती है, तो जम्मू कश्मीर के अलग-अलग जिलों में अध्यक्ष बनाने में ये निर्दलीय प्रत्याशी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी
अंतिम नतीजों के अनुसार, गुपकार गठबंधन जम्मू-कश्मीर में 112 सीटें जीतकर सबसे आगे रहा है। हालांकि, भाजपा ने भी 74 सीटें जीती हैं। इस लिहाज से वह केंद्र शासित प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। गुपकार गठबंधन में अलग अलग पार्टियों की बात करें तो जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) 67 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही, वहीं महबूबा मुफ्ती की पीडीपी 27 सीटें ही जीत पाई। यहां तक कि निर्दलियों को भी 49 सीटें मिली हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने भी 26 सीटों पर कब्जा जमाया। हालांकि, बीजेपी के लिए अच्छी खबर ये है कि उसने कश्मीर घाटी में भी अपना खाता खोल लिया है।

भाजपा ने झोंकी थी पूरी ताकत
भाजपा की ओर से इन चुनावों में काफी जान फूंकी गई थी, ऐसे में नतीजों में उसका असर भी दिखा है। जम्मू क्षेत्र में पार्टी को 10 में से 6 जिलों में बहुमत मिला है। जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा और रेसाई में पार्टी यहां अपना डीडीसी चेयरमैन बनाएगी। वहीं मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटों पर जीत हासिल की है। ये सीट हैं श्रीनगर की खोनमोह-2, यहां से बीजेपी के एजाज हुसैन जीते हैं, बांदीपोरा में एजाज अहमद खान ने जीत हासिल की है जबकि पुलवामा के काकपोरा से मिन्हा लतीफ को जीत मिली है।

370 हटाने के खिलाफ हैं नतीजे
नतीजों के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्ष को जनता में खत्म करने की साजिश फेल हो गई। वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘ये नतीजे बताते हैं कि 370 हटाना असंवैधानिक था। भारत सरकार ने हमें जीतने से रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर निशाना साधाते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों ने गुपकार के हक में वोट दिया है और केंद्र द्वारा जिस तरह गलत तरीके से अनुच्छेद 370 को हटाया गया उसे पूरी तरह नकार दिया गया है। उनके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने इन चुनावों को रेफरेंडम नहीं बनाया, ना ही हमने अधिक कैंपेन किया। फिर भी लोगों ने हमारा साथ दिया है।