लखनऊ:
जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव, संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से 75वें स्वतंत्रता वर्ष को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में यादगार बनाने के लिए और भारत द्वारा जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय उत्सव का आयोजन कर रहा है। इस दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में कव्वाली, कवि सम्मेलन एवं मुशायरा, कथक नृत्य, गजल गायन, बैत बाजी, पैनल डिस्कशन आदि कार्यक्रम शामिल है। यहां दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क है।

जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव कल्चरल कारवाँ विरासत हमारे देश की उस परंपरा को प्रस्तुत करता है जो कला, संस्कृति और साहित्य के रूप में जीवित है।
अपनी तहज़ीब, संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाने वाला लखनऊ इस उत्सव की मेजबानी के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां कई नामचीन भारतीय कलाकार जो हमारी हिंदुस्तानी कला और साहित्य के ध्वजवाहक हैं, इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी (इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ) द्वारा किया जाएगा। शारिब रुदौलवी (लेखक और कवि), डॉ एहतिशाम खान, प्रो० रेशमा परवीन, डॉ वज़ाहत हुसैन और डॉ मूसी राजा पैनल चर्चा का हिस्सा होंगे।
आयोजन के दैरान पद्मश्री मलिनी अवस्थी द्वारा लोक गायन, निरुपमा कोटरू (आईआरएस, सिनेमा उत्साही और लेखिका) और फैसल मलिक (प्रसिद्ध अभिनेता) द्वारा पैनल डिस्कशन, नवाज़ साबरी एंड ग्रुप द्वारा कव्वाली, प्रदीप अली का ग़ज़ल गायन, उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की युवा और उभरती प्रतिभाओं द्वारा बैदबाज़ी, नीलाक्षी राय (प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना) द्वारा कथक नृत्य पेश किया जायेगा।

इसके अलावा कवि सम्मेलन एवं मुशायरा और शेरी नशिस्त, प्रसिद्ध भारतीय कवियों और शायरों द्वारा- जैसे फहमी बदायूँनी, जमुना प्रसाद उपाध्याय, आज़म शकीरी, तारिक क़मर, कुँवर रणजीत चौहान, खुशबीर सिंह शाद, डॉ. हरि ओम (आईएएस), पवन कुमार (आईएएस) शामिल हैं। भावना श्रीवास्तव, तारा इक़बाल, अभिषेक शुक्ला, कैसर खालिद (आईपीएस), दिव्य प्रकाश दुबे, मनीष शुक्ला, वसीम नादिर, आलम खुर्शीद, जावेद मुशीरी, अनस फैजी और उदय प्रताप सिंह अपनी लेखनी का जादू दिखाएंगे।

जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम- 2023 का आयोजन 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और श्रीनगर में किया जा रहा है। जश्न-ए-अदब फाउंडेशन के संस्थापक और उर्दू कवि कुंवर रणजीत चौहान ने आगामी कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश ने दुनिया को कई शानदार साहित्यिक व्यक्तित्व और कलाकार दिए हैं। राजधानी लखनऊ अपनी अदब और तहज़ीब के लिए जाना जाता है, यह एक ऐसे शहर के रूप में स्थापित है, जो आज के समय में भी हिंदुस्तानी कला और संस्कृति को बढावा देता है। लखनऊ के युवा न केवल जानकार और प्रशंसनीय है बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यक्रमों में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। यह हमारी हार्दिक खुशी है कि हम लखनऊ में जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम 2023 आयोजित कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि दर्शक हमारे द्वारा आयोजित प्रदर्शनों और सत्रों का आनंद लेंगे। हम इस कार्यक्रम को संभव बनाने में अपना समर्थन देने के लिए संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) का आभार व्यक्त करते हैं। जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित सबसे बड़े मंचो में से एक है। यह प्रामाणिक रूप से और सच्ची भावना के साथ साहित्य और परंपरा को सहेज रहा है।