जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट लखनऊ दीक्षांत समारोह में भावी बिज़नेस लीडर्स का सम्मान
लखनऊ
जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट, लखनऊ ने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेन्ट (पीजीडीएम), पीजीडीएम (फाइनैंशियल सर्विसेज़) और पीजीडीएम (रीटेल मैनेजमेन्ट) प्रोग्राम के छात्रों (2022-24 बैच) के लिए 28वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। इस आयोजन ने 347 ग्रेजुएट छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत, उत्साह एवं अथक प्रयासों के लिए सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्य सभा के प्रतिष्ठित संसद सदस्य डॉ सुधांशु त्रिवेदी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। साथ ही 1998-2000 बैच से जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट लखनऊ के पूर्व छात्र और एक्सिस बैंक के सीनियर वाईस प्रेज़ीडेन्ट श्री अशोक जोशी का स्वागत भी माननीय अतिथि के रूप में किया गया।
समारोह के दौरान जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट, लखनऊ की डायरेक्टर डॉ कविता पाठक द्वारा सालाना रिपोर्ट पेश की गई और चेयरमैन श्री शरद जयपुरिया ने ग्रेजुएट छात्रों को डिप्लोमा की डिग्री से सम्मानित किया।
”गौतम बुद्ध की कालजयी शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. पाठक ने आज की तेजी से विकसित हो रही दुनिया में आत्मनिर्भरता और निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। “अपनी रोशनी स्वयं बनो!” उन्होंने बुद्ध के गहन मार्गदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा। ‘दीक्षा या साधना की परिणति पर, गौतम बुद्ध का उपदेश था कि अपना रास्ता खुद रोशन करो और इसे बड़ी विनम्रता, आंतरिक चेतना और आत्म-जागरूकता के साथ करो। अपने आप को पूर्वाग्रहों, और किसी भी डर से मुक्त करो जो तुम्हें पीछे धकेलता है।’
अनुकूलनशीलता की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. पाठक ने स्नातकों से ” लर्न टू अनलर्न ” की अवधारणा को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने टिप्पणी की, “ऐसी दुनिया में जहां हर तीन महीने में आप प्रौद्योगिकी को अपना रूप बदलते देखते हैं, सीखते हैं और नए ज्ञान, जानकारी और कौशल के साथ फिर से सीखने के लिए तैयार होते हैं।” ‘मैं आपसे यही कहूंगी कि आपने इस संस्थान में अखंडता और सहानुभूति के जो मूल्य सीखे हैं, उन्हें कभी मत भूलिए, और हमेशा दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध रहिए। याद रखिए कि आपकी शिक्षा सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने के बारे में नहीं है, बल्कि आप इस ज्ञान का उपयोग दूसरों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने के लिए कर सकते हैं।’
मुख्य अतिथि डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि यह भारत का सांस्कृतिक और प्राचीन लोकाचार है जो दुनिया के लिए बेहतर भविष्य बनाने से जुड़ा है और कहा कि भारत में संघर्षों में सामंजस्य बनाने की क्षमता है। इसके अलावा, उन्होंने छात्रों को अनुसंधान में अधिक योगदान देने और समग्र सामग्री, जीनोम अनुक्रमण, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, क्वांटम कंप्यूटिंग इत्यादि जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने और बुद्धि के बजाय दृढ़ संकल्प पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्य अतिथि डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने मेधावी छात्रों को मैडल से सम्मानित किया और स्टूडेन्ट ऑफ ईयर ने सभा को सम्बोधित किया। इसके अलावा अशोक जोशी ने उभरते मैनेजर्स को अपने अपने डोमेन में उत्कृष्ट प्रदर्शन और अपने पेशेवर करियर में मुश्किलों का सामना करने के लिए प्रेरित किया।