बिजनेस ब्यूरो
RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंकों को नई कंपनियों में निवेश को अपनी जिम्मेदारियों में शामिल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार निवेश को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए ना कि सेंट्रल बैंकों की क्योंकि इनके पास पहले ही पॉलिसी से जुड़ी कई जिम्मेदारियां होती हैं।
रघुराम राजन रॉयटर्स ग्लोबल मार्केट्स फोरम में 25 अगस्त को बोल रहे थे। उन्होंने कहा, केंद्रीय बैंकों को राजनीति से प्रेरित नए निवेश से दूर रहना चाहिए क्योंकि केंद्रीय बैंकों के कामकाज का दायरा पहले ही काफी बड़ा है।
रघुराम राजन ने कहा, “सेंट्रल बैंकों को यह कहना कि वो सिर्फ ग्रीन बॉन्ड्स खरीद सकते हैं, ब्राउन बॉन्ड्स नहीं खरीद सकते हैं। यह बिल्कुल ऐसा जैसे किसी फिस्कल मुद्दे पर अपनी राय थोपना।”
RBI के गवर्नर का पद संभालने से पहले रघुराम राजन इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के चीफ इकोनॉमिस्ट थे। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंकों को ग्रीन इनवेस्टमेंट पर फोकस करने के बजाय क्रिप्टो करेंसी और साइबर सिक्योरिटी पर ध्यान देना चाहिए।
क्रिप्टोकरेंसी पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि अगर क्रिप्टोकरेंसी को बेहतर ढंग से रेगुलेट किया जाता है तो भविष्य में इसकी काफी संभावनाएं हैं।
रेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी के बेहतर भविष्य की उम्मीद करने के बावजूद रघुराम राजन ने ये भी कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि किन फंडामेंटल्स के कारण इसके वैल्यूएशन को सपोर्ट मिल रहा है।
रॉयटर्स से रघुराम राजन ने कहा, “मुश्किल वक्त में क्रिप्टोकरेंसी आपका आखिरी सहारा नहीं बनेगा। एक बार इनका सही इस्तेमाल शुरू होगा तब जाकर मुझे इनके वैल्यूएशन पर भरोसा होगा। मसलन पेमेंट का तरीका, खासतौर पर क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन कैसे होगा।”
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