सरकार ने बीते वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान अर्जित की गई आय के लिए इनकम टैक्स रिटर्न के फार्मों की अधिसूचना जारी कर दी है। नए आयकर रिटर्न फार्म के अनुसार करदाताओं को वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से ज्यादा के बिजली बिल, दो लाख रुपये से ज्यादा व्यय वाली विदेश यात्रा और एक करोड़ रुपये से ज्यादा चालू खाते में जमा करने की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सहज (आइटीआर-1), आइटीआर-2, आइटीआर-3, सुगम (आइटीआर)-4, आइटीआर-5, आइटीआर-6, आइटीआर-7 और आइटीआर- V के फार्म की अधिसूचना जारी की है। ये फार्म आकलन वर्ष 2020-21 यानी वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रभावी होंगे।

नए आइटीआर फार्म में करदाताओं को कुख खास तरह के उच्च व्यय लेनदेनों का विवरण देना होगा। उन्हें चालू खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की जमा राशि, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से ज्यादा और बिजली बिल पर एक लाख रुपये से ज्यादा व्यय की जानकारी रिटर्न फार्म में देनी होगी। इन मदों में तय सीमा से कम की राशि का विवरण देने की आवश्यकता नहीं है।

विभाग ने कोविड-19 महामारी के चलते सरकार द्वारा आखिरी तिथियों में दी गई रियायतों के अनुसार लाभ लेने की सुविधा देने के लिए भी रिटर्न फार्म में संशोधन किया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 30 जून 2020 तक किए गए कर बचत निवेश निवेश और दान की जानकारी अलग से करदाताओं को देनी होगी। सरकार ने टैक्सेशन एंड अदर लॉज (रिलेक्सेशन ऑफ सर्टेन प्रॉवीजन्स) ऑर्डिनेंस, 2020 के जरिये आयकर कानून, 1961 के तहत विभिन्न अंतिम तिथियों में छूट दी थी। सरकार ने लॉकडाउन और दूसरी असामान्य परिस्थितियों को देखते हुए कई तरह की अंतिम तिथियां बढ़ा दी थीं। इसके अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करदाता सेक्शन 80सी (एलआइसी, पीपीएफ, एनएससी आदि), 80डी (मेडिक्लेम) और 80जी (दान) सहित आयकर कानून के चैप्टर-VIA-B के तहत क्लेम करने की अंतिम तारीख 30 जून तक बढ़ाई गई है।

नांगिया एंडरसन कंसल्टिंग के डायरेक्टर शैलेश कुमार ने कहा कि आइटीआर-1, आइटीआर-2 और आइटीआर-4 का आसान फार्म भरने की उन व्यक्तिगत करदाताओं को अनुमति नहीं होगी, जो किसी कंपनी में निदेशक हैं या फिर किसी अनलिस्टेड कंपनी के इक्विटी शेयरों में निवेश किया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर कानून के नए डिसक्लोजर प्रावधानों के अनुरूप आइटीआर फार्म में बदलाव किए गए हैं।

आइटीआर-1 सहज फार्म 50 लाख रुपये तक आय अर्जित करने वाले सामान्यतया निवासी व्यक्तिगत करदाता भर सकते हैं। आइटीआर-4 सुगम फार्म 50 लाख रुपये तक आय वाले निवासी व्यक्तिगत करदाताओं, एचयूएफ और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) और व्यवसाय और प्रोफेशन से प्रिजम्प्टिव इनकम पाने वाले भर सकते हैं। आइटीआर-3 और आइटीआर-6 व्यवसायियों और आइटीआर-2 आवासीय संपत्ति से आय पाने वालों के लिए है। आइटीआर-5 एलएलपी और एसोसिएशंस ऑफ परसंस (एओपी) भर सकते हैं। आइटीआर-7 फार्म धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्य से गतिविधियां चलाने वाले ट्रस्ट की संपत्तियों से प्राप्त आय के लिए भरा जा सकता है।

विभाग ने पहले जनवरी में आइटीआर-1 और आइटीआर-4 की अधिसूचना जारी की थी। अब उसने सभी फार्म (आइटीआर-1 से आइटीआर-7 तक) के लिए अधिसूचना जारी की है और पहले जारी फार्म को भी बदला गया है।