मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि किसी भी दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमे एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का हमे सम्मान करना चाहिए। पुतीन ने कहा कि रूस में हमने यह सुनिश्चित बनाया है कि हम सब एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करें और यह कारण बना है कि आज रूस में सभी एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए शांति और एकजुटता के साथ सभी धर्मों के लोग एक साथ रह रहे हैं।

समाचार एजेंसी तास की रिपोर्ट के मुताबिक़, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने बुधवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सभी धर्मों प्रतिनिधियों से वीडियो कानफ्रांसिंग के ज़रिए मुलाक़ात की। पुतीन ने इस बैठक में रूस में धार्मिक सौहार्द को लेकर किए जा रहे कार्यों पर संतुष्टि व्यक्त की। पुतीन ने कहा कि, इस समय दुनिया के कुछ देशों में धार्मिक सौहार्द को लेकर स्थिति बहुत ही गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हम इसके साक्षी हैं कि धर्म के नाम पर फैलाई जाने वाली घृणा के कारण किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर मुसलमानों की धार्मिक भानाओं के ठेस पहुंचाया जा रहा है, उन्हें परेशान किया जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ लोग इसीको बहाना बनाकर हिंसा भी फैलाते हैं और उसका दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक टकराव का परिणाम ख़तरनाक होता है जो वर्षों तक चलता रहता है और पूरे समाज को इससे नुक़सान पहुंचता है। पुतीन ने कहा कि हम सबको चाहिए के एक दूसरे के सहयोग से धार्मिक सौहार्द को बनाए रखें और एकजुटता के साथ देश को मज़बूत बनाएं।

रूसी राष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि रूस के धार्मिक नेताओं ने हमेशा धार्मिक एकता और एकजुटता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि देश के धार्मिक नेताओं ने कभी भी रूस में कट्टरवाद और चरमपंथ को फैलने का मौक़ा नहीं दिया। पुतीन ने कहा कि, हमारा उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष को ख़ुश करने का नहीं होना चाहिए, बल्कि हमे चाहिए कि हम पूरे समाज के लिए काम करें और समाज में शांति, एकजुटता और भाईचारे के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को जो हम करते हैं अच्छा नहीं लगता है, इससे हमे आशचर्य होता है। पुतीन ने कहा कि, हमारा तो हमेशा से यह सोचना रहा है कि किसी को भी ठेस न पहुंचाया जाए, किसी को भी परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि वैसे मुझे इन बातों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि किसी को मेरी बातें पसंद नहीं आ रही हैं, क्योंकि मेरा मक़सद केवल देश को एकता और एकजुटता के साथ मज़बूत करने का है। हमारा मानना है कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि हम जैसा व्यवहार करेंगे दूसरे भी हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे।