टीम इंस्टेंटख़बर
भारत समेत दुनिया के कई देशों में Pegasus स्पाईवेयर के ज़रिये राजनेताओं, पत्रकारों और विभिन्न हस्तियों की जासूसी का मामला इतना तूल पकड़ चूका है कि इजरायल की कंपनी NSO, जिसने इस मिलिट्री ग्रेड स्पाईवेयर पेगासस को बनाया है, कहा है कि एनएसओ अपनी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग के किसी भी विश्वसनीय सबूत की पूरी तरह से जांच करेगा, जैसा कि हमने हमेशा किया है, और जहां आवश्यक हो वहां सिस्टम को बंद कर देगा, साथ ही यह भी कहा कि अब मीडिया के और सवालों का जवाब नहीं देगी.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”एनएसओ एक प्रौद्योगिकी कंपनी है. हम सिस्टम को संचालित नहीं करते हैं, न ही हमारे पास अपने ग्राहकों के डेटा तक पहुंच है, फिर भी वे हमें जांच के तहत ऐसी जानकारी प्रदान करने के लिए बाध्य हैं. एनएसओ इसके दुरुपयोग के किसी भी विश्वसनीय सबूत की पूरी जांच करेगा, जैसा कि हमारे पास हमेशा था, और जहां आवश्यक होगा, सिस्टम को बंद कर देंगे.”

कंपनी का बयान एक समाचार एजेंसी की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि इज़राइल सरकार ने स्पाईवेयर के दुरुपयोग के आरोपों को देखने के लिए एक वरिष्ठ अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन किया है.

अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में फ्रांस, मैक्सिको, भारत, मोरक्को और इराक में पेगासस के संदिग्ध दुरुपयोग की मीडिया रिपोर्टों के बाद संभावित राजनयिक झटके का उल्लेख किया गया है.

NSO – जिसने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल और पेरिस स्थित गैर-लाभकारी मीडिया संस्थान फॉरबिडन स्टोरीज़ को लीक की गई सूची पेगासस के लक्ष्यों या संभावित लक्ष्यों की सूची नहीं है – ने आज कहा कि वह अब ”इस शातिर और निंदनीय अभियान का हिस्सा नहीं बनेगी.”

रविवार से, एनएसओ इस बात से इनकार कर रहा है कि सूची निगरानी के संभावित टारगेट्स से संबंधित है, जैसा कि मीडिया संस्थानों ने दावा किया है, जिन्होंने कुछ फोनों पर फोरेंसिक परीक्षण किए हैं और पेगासस के निशान पाए हैं.