अदनान
शारजाह में आज एक रोमांचक मुकाबले में पंजाब किंग्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को 5 रन से हरा दिया. इसी के साथ न्यूज़ीलैण्ड के केन विलियम्सन की कप्तानी वाली SRH की टीम एक तरह से प्लेऑफ से पूरी तरह बाहर हो गयी, SRH के नौ मैचों में सिर्फ 2 ही अंक हैं. विंडीज के पूर्व कप्तान जेसन होल्डर ने अपनी टीम को जिताने की पूरी कोशिश की मगर वह फिनिश लाइन क्रॉस न कर सके.

हैदराबाद को जीत के लिए आखिरी ओवर में 17 रन बनाने थे, लेकिन अनुभवहीन नॉथन एलिस की कोशिश होल्डर पर भारी पड़ी और पूर्व विंडीज कप्तान का बल्ला मौके पर बड़े शॉट नहीं जड़ सका.यहां तक कि जब हैदराबाद को आखिरी गेंद पर मैच को सुपर ओवर में पहुंचाने के लिए छक्के की जरूरत थी, तो लोअर फुलटॉस को होल्डर बाउंड्री के पार नहीं भेज सके. और हैदराबाद की टीम कोटे के 20 ओवरों में 7 विकेट पर 120 रन ही बना सके. पंजाब के लिए युवा स्पिनर रवि बिश्नोई ने तीन विकेट चटकाकर पंजाब की जीत में अहम भूमिका निभायी, तो मोहम्मद शमी ने भी दो खिलाड़ियों को आउट किया.

दूसरी पारी में शारजाह की पिच पहले सेशन से भी ज्यादा धीमी थी. ठीक पहले सेशन की तरह यहां पावर दिखाने की आजादी नहीं थी. वॉर्नर ने पहले ही ओवर में दिखाने की कोशिश, तो उन्हें पता ही नहीं चला कि गेंद पर बल्ले को चूमती हुयी विकेट के पीछे चली गयी. एक ओवर बाद ही शमी ने सबसे भरोसेमंद और कप्तान केन विलियमसन की गिल्लियां बिखेरीं, तो हैदराबाद के होश ही उड़ गए. फिर तो यहां से मनीष पांडे और ऋिद्धिमान साहा पूरी तरह बैकफुट पर आ गए. इसके बाद इ्न्होंने ज्यादा कुछ नहीं किया, तो ज्यादा सिंगल और डबल्स भी नहीं आए. और हैदराबाद पावर-प्ले में तो पंजाब से बहुत ज्याद पिछड़ गया. अगर पंजाब ने इतने ही विकेट पर 29 रन बनाए थे, तो हैदराबाद 20 रन ही जोड़ सका.

इससे पहले पंजाब के गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पंजाब किंग्स को सिर्फ 125 रनों पर रोक दिया. पंजाब के चौथे ओवर में दोनों ओपनर क्या पवेलियन लौटे कि विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. हालात कैसी रही, यह आप इससे समझ सकते हैं कि मार्कराम ने सबसे ज्यादा 27 रन बनाए. विश्व कप के लिए विंडीज टीम में रिजर्व खिलाड़ियों में रखे गए पूर्व कप्तान ने बहुत ही उम्दा गेंदबाजी करते हुए और मैन ऑफ द मैच का दावा ठोकते हुए तीन विकेट चटकाए. हो्ल्डर ने पारी के चौथे ओवर में पंजाब के दोनों स्टार केएल राहुल और मयंक अग्रवाल को पांच गेंदों के भीतर चलता किया, तो पंजाब मानो हिल सा गया. और आखिर तक इस सदमें से नहीं ऊपर सका. एक ऐसी पिच पर जहां गेंद रुक कर आ रही थी, वहां पंजाब के ज्यादातर बल्लेबाजों ने बल्ला भांजने की कोशिश की, लेकिन यह कामयाब नहीं ही हुई. और पंजाब कोटे के 30 ओवरों में 7 विकेट पर 125 रन ही बना सका.