दिल्ली:
हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को भड़की हिंसा भले ही थम गई हो, लेकिन उस हिंसा से भड़की आग अब भी बढ़ती दिख रही है. ताजा स्थिति यह है कि नूंह में एक बार फिर इंटरनेट सेवा, एसएमएस सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं. इसके पीछे की वजह विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ब्रजमंडल जल अभिषेक यात्रा है. प्रशासन की इजाजत नहीं मिलने के बाद भी विश्व हिंदू परिषद (VHP) इस ब्रजमंडल यात्रा को निकालने पर अड़ी हुई है. जिससे एक बार फिर इलाके में तनाव का माहौल है.

उधर, विहिप के इस फैसले से प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले नजर आ रहे हैं. प्रशासन ने 25 अगस्त यानी शुक्रवार शाम से ही इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया है, जो 29 अगस्त तक लागू रहेगा. गौरतलब है कि इससे पहले खट्टर सरकार ने हिंसा के बाद ही इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे 11 अगस्त को बहाल कर दिया गया था. वहीं, इस हिंसा में शामिल लोगों की धरपकड़ भी जारी है, हालांकि संदिग्धों को गिरफ्तार करने में खट्टर सरकार की पुलिस बेबस नजर आ रही है.

दरअसल, 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा में शामिल एक संदिग्ध को गिरफ्तार करने की कोशिश में हरियाणा के नूंह जिले के एक गांव में छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला किया गया था. आपको बता दें, यह घटना सिंगार गांव में उस वक्त हुई जब क्राइम ब्रांच पुन्हाना यूनिट की टीम इरशाद नाम के संदिग्ध को गिरफ्तार करने गई थी. पुलिस के मुताबिक, जब इरशाद को बस स्टैंड से पकड़ा गया तो वहां मौजूद स्थानीय लोगों की क्राइम ब्रांच टीम से बहस हो गई और वे इरशाद को छुड़ाकर गांव की ओर भाग गए.

यूनिट ने महिला पुलिस कर्मियों सहित अतिरिक्त बलों को बुलाया और गांव में प्रवेश किया, जहां महिलाओं के एक समूह ने उन पर पत्थरों से हमला किया। हमले में उपनिरीक्षक विनीत और सिपाही अमर सिंह समेत तीन जवान घायल हो गए। हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. अब तक पांच महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. लेकिन इरशाद फिलहाल फरार है.