बिजनेस ब्यूरो
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2021 में थोक भाव पर आधारित इंफ्लेशन 10.66 फीसदी रहा, थोक महंगाई दर अभी भी डबल डिजिट में बनी हुई है जो चिंता का विषय है. लगातार छठे महीने यह इंफ्लेशन डबल डिजिट में बना हुआ है. सितंबर 2020 में डब्ल्यूपीआई इंफ्लेशन 1.32 फीसदी पर था.

केंद्रीय बैंक आरबीआई अपनी मौद्रिक नीतियों का निर्धारण करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों को ध्यान में रखता है. खुदरा महंगाई दर भी सितंबर में धीमी रही और खाने की कीमतों में सुस्ती के चलते लगातार पांचवे महीने रिटेल इंफ्लेशन धीमा हुआ और 4.4 फीसदी पर रहा. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीतियों में दरों में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया था.

सितंबर में WPI Inflation के अधिक होने की मुख्य वजह मिनरल ऑयल्स, बेसिक मेटल, गैर-खाद्य वस्तुओं, क्रूड पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, रसायन व रसायनिक उत्पाद इत्यादि की कीमतों में उछाल है. इसके अलावा पिछले साल कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के मुताबिक समान अवधि में खाने के सामान इस साल सितंबर 2021 में महंगे हुए जिसके चलते थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर में उछाल रही लेकिन पिछले महीने अगस्त 2021 के मुकाबले सितंबर में खाने के समान के महंगे होने की दर सुस्त पड़ी.