तौक़ीर सिद्दीक़ी

भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी टी 20 विश्व कप का महामुकाबला होने में बस चंद घंटे बचे हैं. दोनों के बीच आखरी मुकाबला 2017 में खेली गयी आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में हुआ था जहाँ भारत को पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान से हार मिली थी. तब भी विराट कोहली ही कप्तान थे, अब बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत आज चैंपियंस ट्रॉफी की शिकस्त का बदला लेगा? विराट कोहली के पास बदला लेने का यह बहुत बड़ा मौका है.

दूसरा सवाल यह कि क्या भारत विश्व कप मुकाबलों में पाकिस्तान से न हारने का सिलसिला बरक़रार रखेगा? तीसरा सवाल क्या बाबर आज़म की कप्तानी में पाकिस्तान इस परम्परा को तोड़ेगा? एक सवाल और कि टी 20 विश्व कप में पाकिस्तान का कोई गेंदबाज़ विराट कोहली को पहली बार आउट कर पायेगा? क्योंकि इससे पहले के तीन अवसरों पर तो विराट टीम को जीत दिलाकर नॉट आउट ही मैदान से बाहर आये हैं.

दोनों ही टीमें टी एक एक बार 20 विश्व कप विजेता रह चुकी हैं. भारत ने 2007 में खेले गए पहले टूर्नामेंट में पाकिस्तान को ही हराकर खिताबी जीत हासिल की थी, वहीँ पाकिस्तान ने 2009 में इंग्लैंड में आयोजित टी 20 विश्व को जीतने में कामयाबी हासिल की, फाइनल में उसने श्रीलंका को हराया था. मगर यह 12 बरस पहले की बातें हैं . तब से अबतक क्रिकेट में बहुत बदलाव आ चूका है. हमेशा की तरह दोनों चिर प्रतिद्वंदियों के बीच बड़ा मुकाबला है जिसका हर खेल प्रेमी को हमेशा इंतज़ार रहता है. बाबर आज़म के लिए जहां उनके कप्तानी कैरियर की अभी एक शुरुआत है तो वहीँ विराट कोहली के लिए एक कप्तान के रूप में इस फॉर्मेट का यह अंतिम टूर्नामेंट है क्योंकि वो इस फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं.

दोनों ही कप्तान अपनी टीम की जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं. बाबर ने अपनी टीम बता दी है मगर कोहली ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. यह भी एक तरह का माइंड गेम है. अमूमन इसका उल्टा होता रहा है. ज़्यादातर मैचों में भारत अपनी प्लेइंग इलेविन का एलान एक दिन पहले ही कर देता है और पाकिस्तान अधिकतर अंतिम मौक़ों पर। मगर इस बार मामला उल्टा है.

दोनों ही टीमों की अगर तुलना करें तो भारत पाकिस्तान पर काफी भारी है. उसकी बैटिंग लाइन इस वक़्त इन्फॉर्म बल्लेबाज़ों से भरी हुई है, केएल राहुल, रोहित, ईशान किशन, सूर्या कुमार, कप्तान कोहली, ऋषभ पंत और तूफानी हार्दिक पांड्या ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, वैसे ही शार्दुल, जडेजा और अश्विन गेंद के साथ साथ बल्ले से भी टीम की लगातार मदद कर रहे हैं। गेंदबाज़ी की बात करें तो बेजोड़ बुमराह और अनुभवी शामी की घातक जोड़ी मौजूद है. हाल ही में ख़त्म हुई आईपीएल में मिली प्रैक्टिस टीम इंडिया के लिए सोने पर सुहागा है.

वहीँ अगर पाकिस्तान की बात करें तो पिछले दिनों वह बहुत सी समस्याओं से जूझ रही थी। ऐन मौके पर न्यूज़ीलैण्ड और इंग्लैंड की टीमों ने पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया जिससे उन्हें विश्व कप से पहले वह प्रैक्टिस भी नहीं मिल सकी जिसकी एक टीम को बड़े टूर्नामेंट से पहले ज़रुरत होती है. मगर इसके बावजूद भी पाकिस्तान की टीम को हरगिज़ हलके में नहीं लिया जा सकता। उनके पास भी कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो मैच पलटने का दम रखते हैं. बाबर और रिज़वान के रूप में एक उम्दा सलामी जोड़ी है जो इन्फॉर्म है, फखर ज़मान ने दोनों वार्म मैचों में दिखा दिया कि वह क्या कर सकते हैं, आखरी मौके पर टीम में शामिल हुए अनुभवी शोएब मलिक और विस्फोटक आसिफ अली काफी खतरनाक हैं, गेंदबाज़ी में भी शाहीन आफरीदी और हसन अली की जोड़ी तूफानी है. हसन की गेंदबाज़ी की बदौलत ही पाकिस्तान ने भारत को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. हारिस रऊफ काफी तेज़ हैं, शादाब और इमाद वसीम इस फॉर्मेट में काफी अनुभवी हो चुके हैं. हाँ फील्डिंग के मामले में ज़रूर वह काफी पीछे हैं, अपना दिन हो तो वह किसी भी टीम को हरा सकते हैं.

बेशक इस महामुकाबले के लिए विराट सेना फेवरिट है मगर बाबर आर्मी भी इतिहास लिखने के लिए बेचैन है. उम्मीद है सालों से इंतज़ार कर रहे क्रिकेट फैंस को एक हाई वोल्टेज मुकाबला देखने को मिलेगा जो काफी नज़दीकी होगा। दोनों के बीच विश्व के हर मुकाबले में सबसे पहले यही सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान को मिलेगी पहली जीत या भारत अपने जीत के सिलसिले को बरक़रार रखेगा। तो इंतज़ार की घड़ियाँ अब खत्म होने वाली हैं कुछ ही घंटों के बाद पता चल जायेगा कि क्या बनी रहेगी परम्परा या फिर टूटेगी रवायत? कुछ भी पर एक क्रिकेट प्रेमी होने के नाते यही कहूंगा कि मुकाबला एकतरफा न हो वरना बड़ी निराशा होगी।