नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर से जूझते देश में स्वास्थ्य पर होने वाला सरकारी खर्च BRICS के सभी सदस्य देशों में सबसे कम है. यह बात खुद भारत सरकार कह रही है. खबर के मुताबिक आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव अजय सेठ ने गुरुवार को वित्त मंत्रालय और न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार में यह बात कही. सेमिनार में उन्होंने यह भी कहा कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं तक आम लोगों की पहुंच को बढ़ाने में टेक्नॉलजी एक अहम रोल निभा सकती है.
संसाधन हमेशा ही सीमित होते हैं
सेमिनार में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए अजय सेठ ने कहा कि स्थायी विकास के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिशों को कोरोना महामारी की वजह से बड़ा धक्का लगा है. उन्होंने कहा कि संसाधन तो हमेशा ही सीमित होते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि हमारा फोकस किस बात पर है? ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फायदा पहुंचाने पर या क्वॉलिटी पर? औसत उम्र की बात हो या स्वास्थ्य और शिक्षा पर किए जाने वाले सरकारी खर्च की, अलग-अलग देशों में इनकी स्थिति में भारी अंतर है.
टेक्नॉलजी का इस्तेमाल लाभप्रद
सेठ ने कहा कि यहां पर टेक्नॉलजी के इस्तेमाल से हमें स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी में मदद मिल सकती है. मिसाल के तौर पर टेलीमेडिसिन और डायग्नोस्टिक इंटरप्रेटेशन यानी जांच के विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में तकनीक बड़ी भूमिका निभा सकती है. लेकिन तकनीक का इस्तेमाल इस तरह से होना चाहिए, जिससे डिजिटल डिवाइड और बढ़े नहीं, बल्कि गरीबों को सबसे पहले सुविधाएं मिल सकें. सेठ ने कहा कि हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी है, जिसका लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को सबसे पहले मिल सके.
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