नयी दिल्ली: रक्षा विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि सटीक वार, बेजोड़ ताकत और बहुउद्देशीय भूमिका के लिए दुनिया भर में चर्चित राफेल विमानों से भारत की वायु सेना की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। खासकर, पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से सामना करते वक्त इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा ऐसा देश है जिसके पास यह अत्याधुनिक विमान है।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के मद्देनजर राफेल विमानों को बेड़े में शामिल करने का समय भी बहुत अहम है । उन्होंने कहा कि वायु सेना के बेड़े में 36 राफेल विमानों को शामिल किया जाना भारत के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि ऐसी दक्षता और बेजोड़ इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली वाला विमान पड़ोस में किसी भी देश के पास नहीं है।

वायु रक्षा, बेहद सटीकता से हमले, जहाज रोधी हमले की खासियत समेत इसकी अधिकतम रफ्तार 1.8 मैक है। अमेरिका के एफ-35 और एफ-22 लड़ाकू विमानों से भी इसकी तुलना की जाती है । पिछले कुछ वर्षों में राफेल ने अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में अपना दमखम दिखाया है।

एफ-35 से तुलना पर विशेषज्ञों ने कहा कि राफेल ज्यादा फुर्तीला है क्योंकि यह लंबे समय तक हथियारों को लेकर उच्च गति के साथ उड़ान भर सकता है। हालांकि वैमानिकी और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली के मामले में एफ-35, राफेल से आगे है।