टीम इंस्टेंटखबर
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद फारूक अब्दुल्ला का मानना है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार से सम्बन्ध रखने में कोई हर्ज नहीं, अब्दुल्लाह का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में भारत का भारी निवेश है इसलिए वर्तमान तालिबानी शासन से बात करनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “अफगानिस्तान में तालिबान के पास सत्ता है। अफगानिस्तान में पिछली शासन के दौरान भारत ने अलग अलग प्रोजेक्ट पर अरबों रुपये खर्च किए हैं। हमने उस देश में बहुत निवेश किया है, तो उनसे रिश्ते रखने में हर्ज़ क्या है?”
कुछ दिन पहले भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन फारूक अब्दुल्ला ने अफगानिस्तान में बनी तालिबान की नई सरकार पर बयान दिया था। अब्दुल्ला ने तब उम्मीद जताई थी कि तालिबान अफगानिस्तान में इस्लामिक सिद्धांतों को मानते हुए मानवाधिकारों की रक्षा करेगा।
उन्होंने कहा था कि तालिबान ने नियंत्रण कर लिया है और अब उन्हें देश की देखभाल करनी है। मुझे उम्मीद है कि वे सभी के साथ न्याय करेंगे। उन्हें सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देना चाहिए।
अगस्त में अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल की सत्ता पर दोबारा काबिज होने में कामयाबी हासिल की है।
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