वीवो के आईपीएल 2020 की टाइटल स्पॉन्सरशिप से हटने से नए ब्रैंड्स के लिए इस टी20 लीग से जुड़ने का रास्ता खुल गया है। लेकिन मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल के इस सीजन का टाइटल स्पॉन्सर कोई ई-कॉमर्स या ई-लर्निंग कंपनी हो सकती है, हालांकि टेलिकॉम सेक्टर इस रेस में छुपा रुस्तम साबित हो सकता है।
आईएएनएसकी रिपोर्ट के मुताबिक, एक मार्केट एनालिस्ट के मुताबिक, ऐमजॉन जैसे ब्रैंड को आईपीएल से जुड़ने पर उन्हें वीवो (प्रति सीजन 440 करोड़ रुपये) से काफी कम पैसा खर्च करना होगा। वास्तव में जो भी ब्रैंड इस रेस में शामिल होता है, उसके लिए ये फायदे का सौदा होगा।
इस एनालिस्ट ने कहा, ‘देखिए, वर्तमान में लॉकडाउन और आर्थिक प्रभाव की वजह से जो भी हुआ, दो सबसे बड़े खिलाड़ी ई-लर्निंग और ई-कॉमर्स सेक्टर से होंगे। आपक किसी नए खिलाड़ी, मतलब स्टार्ट-अप से उम्मीद मत करिए। लेकिन शायद बायजू, जोकि पहले से ही बीसीसीआई से जुड़ा है, जैसा कोई इस बड़े टूर्नामेंट के लिए आगे आ जाए। अनअकैडमी को मत भूलिए जो खुद को क्रिकेट जगत से जोड़ने की कोशिश में है।’
एनालिस्ट का कहना है कि दिवाली और त्योहार का सीजन देखते हुए ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के पास इस मौके को भुनाने का अच्छा अवसर है। साथ ही उन्हें वीवो के 440 करोड़ के मुकाबले कम पैसे भी देने होंगे।
वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टेलिकॉम दिग्गज जियो भी इसके लिए अपना हाथ आजमा सकता है। हालांकि उन्हें इस बात की संभावना कम लगती है क्योंकि वह पहले से ही सभी आठों टीमों से जुड़ा है, ऐसे में वह टाइटल स्पॉन्सरशिप के खेल में क्यों जाना चाहेगा। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि बीसीसीआई से अपने अच्छे संबंध की वजह से जियो ऐसा कर भी सकता है और अगर उनसे ये चाहा तो बाजी उसी के हाथ रहेगी।
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