टीम इंस्टेंटखबर
विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना कर रहे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज राष्‍ट्र को अपने सम्बोधन में कहा कि मुल्‍क अपने इतिहास में एक निर्णायक क्षण में पहुंच गया है. हमारे सामने दो रास्‍ते हैं, हमें कौन सा रास्‍ता अख्तियार करना है यह तय करना है. इमरान ने इसके साथ ही एकबार फिर पद से इस्तीफ़ा देने से फिर इंकार कर दिया।

इमरान ने कहा कि मैं वह कप्तान हूँ जो मैच की आखरी गेंद तक लड़ने में यक़ीन रखता है, पाकिस्तान में तीन अप्रैल को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग है. अपने सम्बोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सरकार का साथ छोड़ने वाले सांसदों से वापस आने की आखरी अपील की और कहा कि आपकी हरकत को देश और जनता माफ़ नहीं करेगी.

उन्‍होंने कहा, ‘पाकिस्‍तान दहशतगर्दीं के खिलाफ है. कबाइली इलाके इसके बारे में बेहतर तरीके से जानते हैं. न मैं एंटी हिंदुस्‍तान हूं और न ही एंटी अमेरिका हूं. भारत और अमेरिका में मेरे बहुत से दोस्‍त हैं. मेरी किसी से दुर्भावना नहीं है. मैं केवल उनकी नीतियों का आलोचक हूं.’ उन्‍होंने कहा कि हमसे कहा गया था कि अगर हमने अमेरिका का समर्थन नहीं करते हैं तो यह हमारे लिए अच्‍छा नहीं होगा. 9/11 के दौरान हमने कहा था कि अगर अमेरिका में कोई आतंकवादी घटना होती है तो हमें उनकी सहायता करनी चाहिए लेकिन यह हमारी लड़ाई नहीं थी. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका का हिमायती बनना, परवेज मुशर्रफ की बड़ी गलती थी, मैं आजाद विदेश नीति का पक्षधर हूं. उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान का भविष्‍य रविवार को तय होगा. अविश्‍वास प्रस्‍ताव, पाकिस्‍तान का भविष्‍य तय करेगा.