बिजनेस ब्यूरो
भारत में तेज़ रफ्तारी से बढ़ती मंहगाई को लेकर आईएमएफ ने डरावनी आशंका जताई है, IMF ने कहा है कि भारत में महंगाई का असर पिछले अनुमानों से कहीं ज्यादा वक्त तक रह सकता है.

आईएमएफ ने इस साल के लिये वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का अनुमान घटा कर 3.6 प्रतिशत कर दिया है, ताजा आंकड़ा जनवरी के अनुमान से 0.8 प्रतिशत कम है. इसके साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष के लिये भारत का ग्रोथ अनुमान भी 80 बेस प्वाइंट घटा कर 8.2 प्रतिशत कर दिया है. आईएमएफ के मुताबिक रूस यूक्रेन संकट से खपत पर बुरा असर पड़ेगा जिससे ग्रोथ नीचे आएगी.

आईएमएफ ने 19 अप्रैल को रिलीज हुई विश्व इकोनॉमिक रिपोर्ट मे कहा है कि 2022 के अनुमानों में सबसे ज्यादा कटौती भारत और जापान के ग्रोथ अनुमानों में की गई है, जापान के ग्रोथ अनुमान 90 बेस अंक घटाए गये हैं वहीं भारत के लिये अनुमान 80 बेस अंक घटा है.

रिपोर्ट के अनुसार इस देशों में घरेलू मांग में कमजोरी की संभावना है वहीं ऊंची तेल कीमतों की वजह से निजी खपत और निवेश दोनों में ही कमी देखने को मिल सकती है.

आईएमएफ के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था को कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से नुकसान होगा. इससे महंगाई बढ़ेगी और मांग में गिरावट आएगी. फिलहाल कीमतें एक बार फिर 111 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई हैं. IMF के मुताबिक फिलहाल इस स्थिति को वापस नियंत्रण में आने में अनुमान से कहीं ज्यादा वक्त लग सकता है. आईएमएफ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने चेतावनी दी है कि दुनिया के कुछ देशों के लिये महंगाई सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है.