तौक़ीर सिद्दीक़ी
उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर प्रदेश में गठबंधनों का दौर जारी हैं, समाजवादी पार्टी इस मामले में अबतक सबसे आगे है और एक दर्जन से ज़्यादा छोटी पार्टियों से गठबंधन कर चुकी है. सबका साथ लेकर अखिलेश यादव दोबारा सत्ता तक पहुँचने के लिए जी जान से लगे हुए हैं लेकिन इस मामले में उन्होंने आज़ाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आज़ाद को मायूस किया है.

लखनऊ में शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंद्रशेखर आज़ाद ने जानकारी देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन नहीं हुआ क्योंकि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है. उन्होंने अखिलेश पर बहुजन समाज के आरोप का आरोप भी लगाया। चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि सपा को दलित वोट चाहिए मगर दलित नहीं चाहिए।

चंद्रशेखर ने कहा कि 6 महीने पहले से बहुजन समाज को एक किया और अखिलेश यादव से मिलता रहा. अखिलेश यादव से लंबी बातचीत चली है. मैं पिछले दो दिनों से लखनऊ में हूं. उन्होंने कहा कि मेरे लोगों (बहुजन समाज के लोगों) को डर था कि हमारा नेता भी सपा के साथ रहे लेकिन लगता है कि अखिलेश को दलितों की जरुरत नहीं है. अखिलेश ने बहुजन समाज को अपमानित किया है. चंद्रशेखर ने कहा कि बहुजन समाज के अंदर एक डर था. हम कांशीराम को अपना नेता मानते हैं.

चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश को वंचित वर्ग की चिंता हो या न हो मुझे इसकी चिंता है, इसलिए पीठ दर्द के बावजूद मैं दो दिनों से लखनऊ में हूं. मैंने अखिलेश के जवाब का इंतजार किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव सामाजिक न्याय को नहीं समझ पाए हैं. चंद्रशेखर ने अखिलेश पर दलित मामलों में चुप रहने का आरोप लगाया. ये भी कहा कि अखिलेश यादव ने दलित लीडरशिप को नकार दिया है. उन्होंने मेरा अपमान किया. कहा कि दलित बुनियादी तौर पर अपनी रीड से खड़ा हुआ है, अपनी लड़ाई खुद लड़ेगा. उन्होंने कहा कि अब मैं बिखरे विपक्षी दलों को एक साथ करने की कोशिश करूंगा, नहीं तो सामाजिक न्याय की लड़ाई खुद लड़ूंगा.

चंद्रशेखर ने सीएम योगी के दलित के घर खाना खाने पर कहा कि बीजेपी दलितों के घर खाना खाकर नाटक कर रही है. समाजवादी पार्टी भी उसी ट्रैक पर है. चंद्रशेखर ने कहा कि बीजेपी दलित को अभी भी अछूत मानती हैं इसीलिए उनके घर बीजेपी के नेता जाकर खाना खाते हैं. चंद्रशेखऱ ने कहा कि भाजपा नेता ब्राह्मण के घर खाना क्यों नहीं खाते?