लखनऊ

मुहर्रम पर बेजा सख्ती न हटी तो दूसरा क़दम उठाएगी शिया क़ौम: कल्बे जवाद

लखनऊ ब्यूरो
मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने मजलिस में सरकार और पुलिस प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि मुहर्रम में बेजा सख्ती न की जाय.

मौलाना ने मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज भी यज़ीद के समर्थक मौजूद हैं जो अज़ाए इमाम हुसैन के दुश्मन हैं. वह कहते हैं कि काले परचम न लगाएं, मातम न करें और आंसू न बहाएं। हम सरकार और प्रशासन से कहते हैं कि इमाम हुसैन के दुश्मनों के बहकावे में न आईं। इमाम हुसैन का ग़म हर वह शख्स मनाता है जिसके दिल में ज़र्रा बराबर भी इंसानियत मौजूद है.

मौलाना ने कहा कि सरकार यज़ीदियत की शिकार न बने, चौदह सौ साल पहले जो ज़ुल्म हुआ उसके खिलाफ हम विरोध कर रहे हैं। अगर किसी का इन मजलिसों और काले झंडों से दिल दुःख रहा है तो निश्चित ही उसके खून में यज़ीद का खून शामिल है. रही कोरोना की बात तो हम खुद कोरोना के नियमों का पालन करते हैं, हमें खुद अपने लोगों की जान की परवाह है इसलिए विगत वर्ष सिर्फ पांच लोगों की मौजूदगी में मजलिसों का आयोजन हुआ, इस साल भी कोरोना के नियमों का पूरा ख्याल किया जा रहा है.

मौलाना जवाद ने कहा कि पुलस प्रशासन और सरकार बेजा पाबंदियां सख्तियां न करे, DGP साहब ने अपने बयान पर वैसे तो माफ़ी मांग ली थी लेकिन लगता है कि उनके दिल में अभी भी दुर्भावना मौजूद है इसलिए बेजा पाबंदियां लगाई जा रही हैं. अगर यह पाबंदियां ख़त्म न की गयीं तो हम दूसरा क़दम उठाने के लिए मजबूर होंगे और फिर उसके परिणाम की ज़िम्मेदारी पुलिस प्रशासन पर होगी।

मौलाना जवाद ने कहा कि हमें तस्वीरें मिली हैं कि दूसरे धर्म के लोग भंडारा आदि सबकुछ कर रहे हैं, क्या पुलिस प्रशासन को सिर्फ इमाम हुसैन से दुश्मनी है?

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024