लखनऊ। शंघाई स्पेशल ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता, नेशनल लेवल पर पदकों का अंबार लगाते हुए 80 से ज्यादा पदक जीतने वाले मोहम्मद हामिद अली बेरोजगारी के चले परेशान थे। उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन फिर भी उन्हें रोजगार नहीं मिल सका। इन हालात में आगे आते हुए आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी ने एक पहल करते हुए उन्हें सम्माजनक नौकरी प्रदान की।

खुशी के छलक पड़े आंसू
इस अवसर पर जब हामिद को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया तो इस पदक विजेता की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे और उन्होंने भरी आंखों से बोला कि समझ नहीं आता कि किन शब्दों में धन्यवाद कहूं। हामिद के अनुसार मजबूरी थी कि दो वक्त की रोटी खाने के लिए मजदूरी कर रहे है लेकिन डा.सैयद रफत ने जो सहारा दिया था उसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं।

खिलाडियों की हर संभव सहायता का संकल्प
इस पहल के बारे में आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी के संस्थापक व प्रबंध निदेशक डा.सैयद रफत जुबैर रिजवी ने बताया कि जब उन्हें हामिद की हालात का पता चला तो उन्होंने आगे बढ़ कर उसकी मदद करने का फैसला किया। उन्होंने हामिद के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए ये भी कहा कि आने वाले समय में वो खिलाड़ियों की हर तरह से सहायता करेंगे क्योंकि इन्होंने हमारे देश का परचम लहराया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वो खेलों के विकास के लिए हर संभव सहायता करेंगे।

व्यवसायिक घरानों से मदद की अपील
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने भी लखनऊ ओलंपिक एसोसिएशन के भी कार्यकारी अध्यक्ष डा.सैयद रफत को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी की स्थापना करके खेल व खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने व्यवसायिक घरानों से भी अपील की कि वह आगे आए और ऐसे खिलाड़ियों की मदद करें। इस अवसर पर आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी परिवार ने हामिद का अपने परिवार में स्वागत कर उन्हें भविष्य के लिए शुभकामना दी।

पदक बेचने की आ गयी थी नौबत
बात अगर हामिद की करे तो इस दिव्यांग एथलीट के सामने एक समय ऐसी नौबत आ गई थी कि वो अपने पदक बेचने पहुंच गए थे और फिर दिहाड़ी मजदूरी के साथ ठेके पर बिजली रिपेयरिंग का भी काम करने लगे। हालांकि एक समय 30 साल के हामिद के हालात ऐसे थे कि उनके सामने पदक बेचने की नौबत आ गयी थी। हामिद के सामने चुनौती ये भी थी कि उनकी हालिया अगस्त में शादी भी हुई थी और अब उनके ऊपर दो लोगों की जिम्मेदारी थी लेकिन कोई स्थायी आय नहीं थी।

लखनऊ में अलीगंज निवासी हामिद ने शंघाई में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स-2007 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। हामिद इस स्पेशल ओलंपिक की पांच स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाला भारत का एकमात्र एथलीट थे। उस समय उन्हें उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने अपने घर पर चाय पार्टी की दावत दी थी। उस समय उन्हें नौकरी के साथ कैश प्राइज देने को भी कहा था लेकिन यह आस पूरी नहीं हो सकी। हामिद लॉस एंजिलिस में हुए वर्ल्ड स्पेशल समर गेम्स-2015 के संभावितों में भी थे। उन्होंने एथलेटिक्स में 80 से ज्यादा पदक अपने नाम किए है ।