टीम इंस्टेंटखबर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर हुए प्रदर्शन और तोड़फोड़ मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। अदालत ने दिल्ली पुलिस से एक सील लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट पेश करने के भी आदेश दिए हैं।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी संरक्षित रखने को कहा है। यह आदेश कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच तब दिया जब उन्हें यह सूचित किया गया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है और उसने मामले में स्वतः संज्ञान लेकर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
गत बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की युवा ईकाई ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर केजरीवाल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके आवास के बाहर कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी।
दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि चिंताओं के समाधान के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री के आवास के साथ ही मुख्य सड़कों के आसपास लगे कैमरों से सीसीटीवी फुटेज समेत सभी सबूत संरक्षित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच चल रही है।
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई कर रही, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने दिल्ली पुलिस को जांच के बारे में स्थिति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपने का वक्त दिया।
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