नई दिल्ली: कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को दिए गए अयोग्यता नोटिस (disqualification notice) मामले में राजस्थान हाई कोर्ट (rajasthan higcourt) ने सचिन पायलट गुट को फिलहाल राहत देते हुए इस मामले में यथास्थिति (status quo) बनाए रखने का आदेश दिया है। बहरहाल, हाईकोर्ट आगे की सुनवाई जारी रखेगा। आगे की सुनवाई में इस मामले में कानूनों पर चर्चा की जाएगी।

केंद्र भी बनेगा पक्षकार, मांग स्वीकार
इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने सचिन पायलट, बागी विधायकों द्वारा अयोग्यता के मुद्दे पर दायर याचिका में भारत सरकार को पक्षकार बनाए जाने की मांग भी स्वीकार कर ली।

फैसले में देरी संभव
इसके बाद से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि फैसले में देरी संभव है। कोर्ट ने अपनी अपने आदेश में कहा है कि फिलहाल नोटिस पर कार्रवाई नहीं होगी। हाईकोर्ट आगे की सुनवाई जारी रखेगा और कोर्ट आगे की सुनवाई के लिए पहले कानून के सवाल को तय करेगा।

क्या हुआ अबतक
हाईकोर्ट का यह फैसला सचिन पायलट के लिए बड़ी राहत है। इसके पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्पीकर को शुक्रवार तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था, जिससे कि पायलट को वक्त मिल गया था, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि स्पीकर के पास नोटिस जारी करने का अधिकार है। उन्होंने कहा था कि कार्रवाई करने तक कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इसपर सुनवाई हुई थी और मामले को अगली सुनवाई के लिए सोमवार तक टाल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट का फैसला उसके अधीन रहेगा।

केंद्र की याचिका बानी बड़ी वजह
फिलहाल हाईकोर्ट ने एक बार फिर पायलट को राहत दी है। इसके पीछे पायलट खेमे की ओर से केंद्र को पक्ष बनाने की याचिका बड़ी वजह रही है।