राजनीति

ढेरों आरोप लगाकर हार्दिक ने छोड़ा हाथ का साथ

टीम इंस्टेंटखबर
हार्दिक पटेल ने गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष पद और पार्टी की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक लंबा चौड़ा खत भेजा है, जिसमें उन्होंने जमकर भड़ास निकाली है. इस खत में उन्होंने सीएए, राम मंदिर और NRC का जिक्र किया. हार्दिक के इस्तीफे के बाद अब अटकलें बढ़ गई हैं कि क्या वे बीजेपी का दामन थामेंगे.

हार्दिक पटेल पिछले आठ महीने से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे. अपने इस्तीफे में भी हार्दिक पटेल ने उन मुद्दों को उठाया है, जो मुद्दे बीजेपी उठाती रही है. हार्दिक पटेल में अपने इस्तीफ़े में कांग्रेस के राम मंदिर निर्माण का विरोध करने को गलत बताया है. साथ ही धारा 370 पर अड़चन पैदा करने पर भी हार्दिक में कांग्रेस नेतृत्व को आड़े हाथों लिया है. साथ ही CAA-NRC का विरोध भी कांग्रेस ने गलत किया है. अपने इस्तीफे की भाषा से भी हार्दिक पटेल ने साफ इशारा कर दिया है कि वे जल्द बीजेपी का रुख करने वाले हैं.

गुजरात के बड़े पाटिदार नेता हार्दिक पटेल ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधा है. हार्दिक पटेल ने कहा कि जब देश संकट में था, कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत थी, तब हमारे नेता विदेश में थे.

कांग्रेस के शिर्ष नेतृत्व ने किसी भी मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया. हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं जब भी पार्टी के शिर्ष नेतृत्व से मिला तो मुझे लगा कि उनका ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी का समस्याओं को सुनने से ज्यादा बाकी चीजों पर था. हार्दिक पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के शिर्ष नेतृत्व का बर्ताव ऐसा है कि जैसे गुजरात और गुजरातियों से उन्हे नफरत हो.

हार्दिक पटेल ने पत्र में ‘चिकन सैंडविच’ का जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि बड़े नेता जनता के सवालों से दूर रहते हैं और सिर्फ इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि दिल्ली के नेता को क्या चिकन सैंडविच समय पर मिल गया. हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं जब भी युवाओं के बीच जाता हूं तो सब यही कहते हैं कि आप ऐसी पार्टी में क्यों हैं, जो हर तरह से गुजरातियों का अपमान करती है. मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने भी युवाओं का भरोसा तोड़ा है, इसलिए आज कोई भी युवा खुद को कांग्रेस के साथ नहीं देखना चाहता.

हार्दिक ने कहा गुजरात हो या मेरा पटेल समाज हर मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड सिर्फ केंद्र सरकार का विरोध करते तक सीमित रहा. कांग्रेस को लगभग हर राज्य की जनता ने रिजेक्ट कर दिया क्योंकि नेतृत्व के पास बेसिक रोडमैप भी नहीं है. हार्दिक पटेल ने लिखा कि मुझे अफसोस है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात के लिए कुछ नहीं करना चाहती. इसलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता हूं, तो मेरा तिरस्कार होता रहा.

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