देश

पुलिस कस्टडी में मौतों के मामले में गुजरात लगातार दूसरे साल भी टॉप पर

दिल्ली:
भारत के सभी राज्यों में गुजरात इकलौता राज्य है जहां सबसे ज़्यादा पुलिस कस्टडी में मौतें हुई हैं. एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में पिछले साल 23 लोग पुलिस कस्टडी में मर गए थे. गुजरात लगातार दो साल से कस्टडी में मरने वाले लोगों की लिस्ट में टॉप कर रहा है. गुजरात सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में में सबसे आगे है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के मुकाबले 2021 में गुजरात में पुलिस कस्टडी में मरने वाले लोगों में 53 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. 2020 में पुलिस हिरासत में मरने वाले लोगों की संख्या 15 थी.

पूरे देश में 2021 में पुलिस कस्टडी में मरने वाले लोगों की संख्या 88 रही है. ये संख्या 2020 में 76 थी. वहीं महाराष्ट्र पुलिस कस्टडी में मरने वाले लोगों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर है. यहां 2021 में 21 लोगों ने पुलिस कस्टडी में अपनी जान गंवाई.

गुजरात में 23 में से 22 लोगों की मौत कस्टडी या लॉकअप में तब हुई है जब वो रिमांड पर नहीं थे. एक की मौत कस्टडी में ही हुई है. इन सब में 9 लोगों ने खुदखुशी की, 9 की मौत बीमारी से हुई, 2 की मौत पुलिस की पिटाई की वजह से हुई थी. इनमें से एक को पुलिस ने इस कदर पीटा था कि उसके शरीर पर निशान बन गए थे. जिसके बाद उसकी मौत हो गई और एक कस्टडी के दौरान भागने की कोशिश कर रहा था उस वक्त पुलिस ने उसे मार गिराया था.

एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 12 पुलिस जवानो को अरेस्ट किया गया है. जबकि 2020 में किसी भी पुलिस जवान को अरेस्ट नहीं किया गया. वहीं कोई भी ऐसा नहीं था 2020 में जिसकी मौत पुलिस के रिमांड में मारने की वजह से हुई हो.

Share
Tags: gujarat

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024