नई दिल्ली: कोरोनावायरस के बाद अब भारत में महामारी का रूप ले चुके ब्लैक फंगस या म्यूकॉरमायकोसिस से निपटने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर जुट गई है. इसके इलाज के लिए डॉक्टर लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी नाम के इंजेक्शन का उपयोग करते हैं. इस दवा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने पांच और कंपनियों को इसे बनाने का लाइसेंस दिया है.

दुनिया के कोने कोने से दवा ढूंढने के निर्देश
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी लगातार इस सिलसिले में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह दवा दुनिया के जिस भी कोने में भा उपलब्ध हो, उसे तुरंत भारत लाया जाए. उनके निर्देश के बाद दुनिया भर में फैले भारतीय दूतावास अपने-अपने देशों में उपलब्ध इस दवा को भारत भेजने में जुट गए हैं. इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का असर देखने में मिला है. इसके लिए अमेरिका की गलियड साइंसेज नाम की कंपनी से मदद मिली है

गलियड साइंसेज ने भेजीं 121,000 वायल
सरकारी सूत्रों के मुताबिक गलियड साइंसेज एंबीसॉम को फार्मास्यूटिकल कंपनी मायलन के जरिए भारत भेजने के काम में तेजी ला रही है. अभी तक इसकी 121,000 वायल भारत भेजी जा चुकी हैं. जल्दी ही 85,000 वायल और पहुंचने वाली है.

दस लाख खुराक का लक्ष्य
गलियड साइंसेज ने मायलन के जरिए भारत में एंबीसॉम की दस लाख खुराक भेजने का लक्ष्य रखा है. कंपनी ने यह भी कहा है कि दुनिया के अन्य देशों में उपलब्ध इस दवा का स्टॉक हटाया जा रहा है और उसे भारत भेजा जाएगा.