नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच कल देश का आम बजट पेश होने वाला है। बस कुछ घंटों के इंतजार के बाद देश के सामने साल 2021-22 का आम बजट होगा। यह तीसरा मौका होगा जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने देश का बजट पेश किया है। इससे पहले इंदिरा गांधी ने साल 1970-71 में बजट पेश किया था। वहीं देश के बजट के 74 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब इसकी छपाई नहीं होगी। इस साल कोरोना वायरस संकट के कारण बजट की छपाई नहीं हो रही है। इस बार सांसदों को बजट दस्तावेज डिजिटल स्वरूप में दिए जाएंगे।

सरकार पर टिकी आशा भरी निगाहें
सरकार आगामी एक साल तक देश चलाने के लिए वित्तीय वितरण करेगी और इसी के अनुसार योजनाओं के लिए धनराशि जारी की जाएगी। कोरोना संकट से बदला सभी सेक्टर्स के लोगों के साथ नौकरी पेशा और सैलरी वाले इस बजट के मद्देनजर सरकार की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहे हैं।

मोदी ने बताया था नए दशक का महत्त्व
बजट सत्र के पहले दिन 29 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह दशक भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने कहा था कि ‘मेरा मानना है कि हम लोगों की आकांक्षा की पूर्ति के लिए अपना योगदान देने में पीछे नहीं रहेंगे।’ पीएम ने बजट सत्र की शुरुआत के मद्देनजर यह भी कहा कि पहली बार वित्त मंत्री को कोरोना वायरस महामारी के बीच वित्तीय पैकेजों की घोषणा करने के लिए कई मिनी बजट पेश करने पड़े। इस बजट को उस सीरीज में देखा जाना चाहिए। पीएम ने कहा, ‘यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय पैकेज हो सकते हैं।’

इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद
बड़ी तादाद में देश के मतदाता खासकर मध्यम वर्गीय लोगों इनकम टैक्स में छूट बढ़ाने को लेकर निर्मला सीतारमण की ओर देख रहा है। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से आर्थिक क्षेत्र में छाई सुस्ती की वजह से आयकर में फिलहाल कोई बड़ी राहत देना वित्त मंत्री के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकार इनकम टैक्स में करदाताओं को 50,000 से 80,000 तक राहत दे सकती है। ज्यादा छूट देने के लिए नई रीजीम स्लैब में बदलाव कर सकती है। इसके साथ ही सरकार मौजूदा स्लैब में स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी बढ़ोतरी हो सकती है। आपको बता दें कि अभी स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये है। वहीं बजट में होमलोन पर भी टैक्स छूट बढ़ाई जा सकती है।

रियल एस्टेट सेक्टर आशाएं
कोरोना संकट की मार रियल एस्टेट सेक्टर पर भी जबदरस्त पड़ी है। कोरोना काल में देश का रियल एस्टेट सेक्टर की स्थिति बदतर हो गई है। लोगों का कहना है कि अगर मकान खरीदारों को टैक्स छूट और ज्यादा लोन जैसी सुविधाएं दी जाती है तो रियल स्टेट पटरी पर लौट सकता है। लोगों का मानना है कि सरकार बजट में ऐसा कुछ करेगी जिससे इस सेक्टर को भी राहत मिले और लोग घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित हों। लोगों का मानना है कि होम लोन पर आयकर छूट की सीमा दो लाख रुपये से ज्यादा करने का निर्णय हो सकता है। रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि सरकार बैंकों को यह निर्देश दे कि वह लोगों को मकान की कीमत का 90 फीसद तक कर्ज दे। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग होम लोन के दायरे में आ सकेंगे। सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिए सस्ती दरों पर कर्ज मुहैया कराना भी बेहतर होगा। सरकार इस संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।

किसानों की उम्मीदें
किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अभी सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में यह राशि बढ़ाए जाने की घोषणा की जा सकती है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये सालाना तक की जा सकती है। वहीं किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कृषि ऋण की लिमिट को बढ़ा सकती है। सामान्यतया किसानों को कृषि ऋण पर 9 फीसदी का ब्याज अदा करना पड़ता है। सरकार किसानों को सस्ते ऋण उपलब्ध कराकर देश में कृषि क्षेत्र में उत्पादन क्षमता को और बढ़ाना चाहती है। सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर चल रहे टकराव के बीच सरकार का यह कदम किसानों का भरोसा जीतने में अहम भूमिका निभा सकता है।