जयपुर:
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने का भरोसा जताया है और कहा है कि इस बार वह ‘मिशन 156’ लेकर चल रहे हैं. राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन क्या कांग्रेस यहां लगातार सरकार बना पाएगी? पूछने पर गहलोत ने भरतपुर में मीडिया से कहा कि इस बार मिशन 156 है. जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था तब हमने 156 सीटें जीती थीं। गहलोत ने अपनी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और बजट की ओर इशारा करते हुए विश्वास जताया कि मतदाता एक बार फिर कांग्रेस को मौका देंगे.

राजस्थान कांग्रेस के अंदर चल रही कलह किसी से छिपी नहीं है. 2018 में जब से अशोक गहलोत ने सत्ता संभाली है, तब से सचिन पायलट गुट के साथ उनके संबंधों में खटास जारी है। आपको याद हो तो पिछले दिनों अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उठा था, तब उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पद छोड़ने की स्थिति में सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की संभावना थी, जो अशोक गहलोत की इच्छा के विपरीत थी. इतना ही नहीं पार्टी मंच के अलावा अशोक गहलोत और सचिन पायलट सरेआम एक-दूसरे पर तंज कसते भी देखे गए हैं.

वैसे तो संख्या के मामले में अशोक गहलोत की स्थिति काफी मजबूत है, लेकिन सरकार के प्रति असंतोष जाहिर करने वाले विधायकों की संख्या भी कम नहीं है. अब देखना होगा कि राजस्थान में चुनाव के बाद क्या नतीजे आते हैं? कांग्रेस के भीतर चल रही अंदरूनी कलह के चलते कांग्रेस की सत्ता में वापसी की राह आसान नहीं होगी. इसके अलावा राज्य के इतिहास पर नजर डालें तो यहां की जनता ने हर 5 साल में सरकार बदली है। राजस्थान में 1993 से हर पांच साल में राज्य की सरकार बदलती रही है। यहां खास बात यह है कि सत्ता का यह आदान-प्रदान भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता रहा है।