बिल ऐंड फाउंडेशन ने तीन ग्लोबल गोल्स अवार्ड के विजेताओं की भी घोषणा की, कोविड-19 के प्रभाव से निपटने के लिए कीनिया में दो नई साझेदारियां

नई दिल्ली: अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) के निदेशक डॉ. जॉन एन. केनगासॉन्ग को प्रतिष्ठित 2020 ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड दिया जाएगा। इसकी घोषणा आज बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने की है। अपने सालाना गोलकीपर कैंपेन के तहत फाउंडेशन ने तीन और गोलकीपर अवार्ड्स और दो पार्टनरशिप लॉन्च करने की घोषणा की है, जिससे कोविड-19 की वजह से केन्या की स्वास्थ्य व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई होगी।

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स ने कहा, ‘डॉ. केनगासॉन्ग और अफ्रीका सीडीसी की उनकी टीम इस पुरस्कार की असली हकदार है।’ उन्होंने कहा, ”दुनिया में कहीं से भी नवीनतम नवाचारों को हासिल करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता COVID-19 से लड़ने के लिए महाद्वीप में वैक्सीन और दवाएं लाने की दिशा में एक एक लंबा रास्ता तय करेगा।”

डॉ. केनगासॉन्ग के अलावा इस साल यह अवॉर्ड नाइजीरिया के हाउवा ओजिफो, नेपाल के बोनिता शर्मा और भारत के एमएएसएच प्रोजेक्ट फाउंडेशन को मिला है। हर किसी को यह पुरस्कार उनके समुदाय में कोविड-19 से की समस्या के समाधान के लिए दिया गया है। हर अवॉर्ड के बारे में हम नीचे विस्तार से बताने जा रहे हैं।

2020 ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड: यह पुरस्कार स्वास्थ्य एवं विकास के प्रति उल्लेखनीय रूप से प्रतिबद्धता जताने को लेकर दिया जाता है, खासकर महामारी की स्थिति में। यह अवॉर्ड डॉ. केनगासॉन्ग को दिया जा रहा है, जो अफ्रीका के दिग्गज वैज्ञानिक हैं। कोविड-19 वैक्सिन क्लीनिकल ट्रायल्स (CONCVACT) के लिए अफ्रीका सीडीसी कंसोर्टियम के सह-अध्यक्ष के रूप में डॉ. केनगासॉन्ग ग्लोबल वैक्सिन डेवलपर्स, फंडर्स और लोकल फैसिलिटेटर्स को एक साथ लाकर विभिन्न तरह के लेट-स्टेड वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल्स का नेतृत्व कर महाद्वीप को सुरक्षित करने में काम में लगे हैं। यह काम अफ्रीकी आबादी के लिए सबसे होनहार वैक्सीन उम्मीदवारों की पहचान करना और इस काम को बढ़ावा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

2020 कैंपेन अवॉर्ड: यह पुरस्कार ऐसे अभियान के लिए दिया जाता है, जिसने जागरुकता बढ़ाई हो या प्रेरणादायक कार्रवाई और परिवर्तन करके समुदाय का निर्माण किया हो। वैश्विक सहयोग और साझेदारी (ग्लोबल गोल #17) को बढ़ावा देने को लेकर इस साल यह अवॉर्ड एमएएसएच प्रोजेक्ट फाउंडेशन को देने की घोषणा की गई है। एमएएसएच प्रोजेक्ट फाउंडेशन भारत का एक सामाजिक उद्यम है, जो सरकार, नागरिक समाज, कॉर्पोरेट सेक्टर, युवा और मीडिया के बीच खाई को पाटकर सामाजिक परिवर्तन करने वालों के वैश्विक समाज का निर्माण कर रहा है, ताकि समाज को आगे बढ़ाया जा सके।

2020 चेंजमेकर अवॉर्ड: यह पुरस्कार उन्हें दिया जाता है, जिन्होंने व्यक्तिगत अनुभव या नेतृत्व के ओहदे के जरिए बदलाव के लिए प्रेरित किया है। इस साल यह अवॉर्ड लैंगिक समानता (ग्लोबल गोल 5) के काम को बढ़ावा देने के लिए नाइजीरिया की हाउवा ओजेइफो को मिला है। ओजेइफो के साथ अतीत में यौन और घरेलू उत्पीड़न हो चुका है और वह She writes Woman की संस्थापक हैं, जो महिलाओं के नेतृत्व वाला एक अभियान है और नाइजीरिया में यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे के प्रति आवाज बुलंद कर रहा है।

2020 प्रोग्रेस अवॉर्ड: यह पुरस्कार साइंस, टेक्नोलॉजी, डिजिटल या बिजनस इनिशिएटिव के जरिए विकास का समर्थन करने के लिए दिया जाता है। इस साल यह अवॉर्ड नेपाल की बोनिता शर्मा को मिलेगा। उन्हें यह पुरस्कार अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण (ग्लोबल गोल #3) को बढ़ावा देने को लेकर किए गए काम के लिए मिला है। शर्मा सोशल चेंजमेकर्स एंड इनोवेटर्स (SOCHAI) की सह-संस्थापक और सीईओ हैं, जो युवाओं के नेतृत्व वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह संगठन अपने शिशुओं का पालन-पोषण करने वाली माताओं और बच्चों के पोषण स्वास्थ्य के लिए काम करता है, साथ ही यह कारोबारी अवसरों के जरिए आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को सशक्त करने का काम भी करता है।

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष मेलिंडा गेट्स ने कहा, ”यह महामारी और असमानताओं पर प्रकाश डालता है, जो निस्संदेह इस युग को परिभाषित करेगा और दुनिया मानवता के सबसे अच्छे रूप को देख रहा है।” उन्होंने कहा, ”हम पुरस्कार जीतने वाले उन लोगों की ऊर्जा और उनके काम से प्रेरित हैं, जो दुनिया को पहले से अधिक सुरक्षित, स्वस्थ और समानतायुक्त बनाने में लगे हैं।”

गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवॉर्ड्स और एक्सीलीरेटर्स की घोषणा, पिछले सप्ताह बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा जारी सालाना गोलकीपर्स रिपोर्ट के बाद सामने आई है। इस साल के रिपोर्ट में यह दिखाया गया है कि कोविड-19 द्वारा अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान ने किस तरह असमानता को बढ़ावा दिया है और वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने की राह में बाधा बना है। हालांकि, उसमें उन देशों की प्रशंसा की गई है, जो चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचार का सहारा ले रहे हैं और साझा वैश्विक प्रतिक्रिया की राह को रेखांकित किया।