टीम इंस्टेंटख़बर
फ़्रांस की संसद ने महीनों चली बहस के बाद बेहद विवादित क़ानून पास कर दिया है जो मुस्लिम विरोधी बिल है जिस पर कई सांसदों ने गहरी आपत्ति जताई है क्योंकि यह बिल धार्मिक आज़ादी का उल्लंघन करता है।

फ़्रेंच नेशनल एसेंबली ने तथाकथित एंटी सेपरैटिज़्म बिल सात महीने की लंबी बहस के बाद पास कर दिया। सरकार का दावा है कि इस क़ानून से देश के सेक्युलर सिस्टम को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।

बिल के पक्ष में 49 विरोध में 19 वोट पड़े जबकि 5 सांसदों ने एब्सटेन किया। फ़्रांसीसी सरकार का दावा है कि यह क़ानून इस्लामी चरमपंथ से लड़ाई में मददगार होगा। यह बिल अब संवैधानिक परिषद के समक्ष जाएगा और उसकी मंज़ूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा जिसके बाद इसे क़ानून का दर्जा हासिल हो जाएगा।

फ़्रांसीसी मुसलमानों का कहना है कि यह क़ानून उनकी धार्मिक आज़ादी पर रोक लगाने वाला है और यह उनके साथ सरासर नाइंसाफ़ी है।

फ़्रांस की सोशलिस्ट पार्टी, सेंटर राइट लेस रिपब्लिकन्स और फ़्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी ने बिल के विरोध में मतदान किया। फ़ार राइट नैशनल रैली ने वोटिंग से एब्सटेन किया।

फ़्रांस में बसी मुस्लिम आबादी का कहना है कि इस क़ानून के माध्यम से बहुत से प्राइवेट इस्लामिक स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा जहां इस्लामी शिक्षाओं के बारे में छात्रों को बताया जाता था।